धनबाद: निरसा के रहने वाले पारा एथलीट कुमार गौरव एक कुशल धावक हैं. झारखंड के लिए राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने कई मेडल जीते. हालांकि सरकार की उपेक्षा की वजह से अब वो खेल से तौबा करना चाहते हैं. सरकार की ओर से इन्हें सहयोग के नाम पर हमेशा सिर्फ और सिर्फ आश्वासन ही दिया गया.
कुमार गौरव पारा एथलीट हैं. हाथ और पैर से दिव्यांग गौरव कुशल धावक के रूप में राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल हासिल कर चुके हैं. इसी साल फरवरी में छत्तीसगढ़ में आयोजित पारा एथलेटिक्स प्रतियोगिता में 100 मीटर की दौड़ में झारखंड के लिए इकलौता मेडल हासिल किया. इसकी काफी सराहना की गई. गौरव ने बताया कि पूर्व खेल मंत्री अमर बाउरी की ओर से सहयोग करने का आश्वासन भी दिया गया. इसके बाद उन्होंने एक आवेदन भी खेल विभाग में दिया. हालांकि आज तक किसी तरह का सहयोग नहीं सरकार की ओर से आजतक नहीं दिया गया.
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वहीं, गौरव की मां का कहना है कि अब उनका मनोबल भी टूटने लगा है. सरकार अगर मदद नहीं करती है तो फिर ऐसे खेल से क्या फायदा. उन्होंने सरकार से मदद करने की गुहार लगाई है. पिछली सरकार की ओर से दिए गए आश्वासन आजतक पूरे नहीं हुए. कुमार गौरव अब मौजूदा हेमंत सरकार से मदद की आस लगा रहे हैं.