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भाभी से अवैध संबंध के कारण कर दी पत्नी और दो बच्चों की हत्या, फांसी की सजा

धनबाद में भाभी से अवैध संबंध के कारण पत्नी और दो बच्चों की हत्या मामले में आरोपी को फांसी की सजा, वहीं षड्यंत्र रचने वाले आरोपी के पिता और मां को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद.

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Published : May 24, 2019, 2:53 PM IST

हत्या के आरोप में सजा

धनबाद: भाभी से प्रेम संबंध के कारण अपनी पत्नी और दो बच्चों की निर्मम हत्या करने वाले आरोपी बरवाअड्डा के रहने वाले भैरवनाथ दसौंधी को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. इसके अलावा आरोपी के पिता राजेंद्र दसौंधी और मां गायत्री देवी को हत्या का षडयंत्र रचने को लेकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

हत्या के आरोप में सजा

फांसी की सजा
एडीजे 16 संजीता श्रीवास्तव की अदालत ने यह फैसला सुनाया है. अदालत द्वारा पूर्व में ही चारों को दोषी करार दिया जा चुका था. बता दें कि 3 अक्टूबर 2017 की रात भैरव के 2 वर्षीय बेटे अभय का जन्मदिन था. जन्मदिन मनाकर सभी अपने-अपने कमरे में सोने चले गए थे इसी दौरान रात में भैरव उनकी हत्या कर दी थी.

भाभी से था अवैध संबंध
घटना को अंजाम देने के बाद वह घर से फरार हो गया था और अपहरण की झूठी कहानी भी बनाई थी. भैरव ने बचने के लिए सल्फास खाकर जान देने की भी कोशिश की थी. पुलिस द्वारा भैरव को बोकारो बीजीएच में भर्ती कराया गया था. पुलिस की सख्ती से पूछताछ पर उसने स्वीकार किया था की चचेरे भाई की मौत होने के बाद उसका प्रेम संबंध भाभी से चल रहा था. उसकी भाभी, पत्नी और बच्चों को रास्ते से हटाने के लिए हमेशा उकसाते रहती थी. विवश होकर उसने अपने पत्नी और दोनों बच्चों की हत्या कर दी.

पत्नी और बच्चों की निर्मम हत्या
भैरव ने पुलिस को बताया था कि बर्थडे के बाद रात में करीब 2:30 बजे उसने अपनी पत्नी का गला घोट दिया था. तब दोनों बच्चे सो रहे थे, इसके बाद मौका पाकर दोनों बच्चों की गर्दन काटकर निर्मम हत्या.

खुद के अपहरण की साजिश रची
तीनों की हत्या करने के बाद आरोपी पुलिस को चकमा देने के लिए खुद के अपहरण की साजिश रची. उसने पत्नी अनुपमा देवी के आधार कार्ड की फोटो कॉपी पर लाल स्याही से संदेश लिख दिया था. जिससे पुलिस इसे नक्सली वारदात मानकर अपने अनुसंधान से भटकती रही. वह रात में ही धनबाद स्टेशन पहुंचा और वहां से रांची के लिए रवाना हो गया था.

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पुलिस को करता रहा गुमराह
रांची से मुगलसराय और वहां से आरोपी मुंबई भाग गया था. घटना को अंजाम देने के बाद वह विभिन्न तरीकों से पुलिस की हर गतिविधियों की जानकारी रख रहा था. लेकिन मुंबई में भी उसके दोस्तों ने उसे साथ न दिया जिसके कारण वह निराश हो गया. उसके बाद वह मुंबई से पटना आया और पटना से बोकारो. जहां आकर उसने सल्फास की गोली खा ली. उसे पुलिस ने बोकारो बीजीएच में भर्ती कराया था. घटना के 14 दिन बाद अस्पताल में ही उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. अदालत इस मामले को स्पीडी ट्रायल में चला रही थी.

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