धनबाद: कोयलांचल का सबसे बड़ा अस्पताल पीएमसीएच धनबाद इन दिनों खुद ही बीमार चल रहा है. आए दिन अस्पताल में नई-नई खामियां देखने को मिलती रहती है. पीएमसीएच अस्पताल में हर दिन 2000 से अधिक मरीज धनबाद ही नहीं बाहर के भी अन्य जिलों से इलाज कराने पहुंचते हैं. ऐसे में अस्पताल में सुविधाओं का घोर अभाव लोगों की जान ले रहा है.
बच्चों की मृत्यु दर में बढ़ोत्तरी
बता दें कि पीएमसीएच धनबाद में जिले के अलावा गिरिडीह, देवघर, हजारीबाग, जामताड़ा आदि जिलों से इलाज कराने के लिए मरीज पहुंचते हैं. यहां पर हो रहे बच्चों की मृत्यु दर में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. ऐसा पीएमसीएच अधीक्षक भी मानते हैं. पीएमसीएच अधीक्षक एचके सिंह का कहना है कि जिस तरीके से यहां पर प्रीमेच्योर बच्चे इलाज के लिए आते हैं वैसे में यहां वार्मर की सुविधा नहीं है. वार्मर काफी कम है और बच्चे का लोड ज्यादा है. ऐसे में वो किसी बच्चे को एडमिट लेने से मना भी नहीं कर सकते. जिस कारण वार्मर में एक बच्चे की जगह दो बच्चे को रखा जा रहा है.
संक्रमण का रहता है खतरा
वार्मर में एक बच्चे की जगह दो बच्चे को रखे जाने से एक-दूसरे से संक्रमण फैलने का भी खतरा बना रहता है. जिसके कारण जो बच्चा ठीक हो सकता वो भी बीमारी की चपेट में आ जाता है. अधीक्षक ने भी कहा कि संक्रमण का खतरा बना रहता है यह बात सही है, लेकिन मजबूरी है कि वार्मर नहीं होने के कारण दो बच्चे को उसमें रखा जाता है.