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'चमकी बुखार' को लेकर धनबाद में अलर्ट, बचाव के लिए बनाई गई विशेष टीम

धनबाद में चमकी बुखार से बचने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से एक विशेष टीम का गठन किया गया है. टीम ने इस बीमारी की पहचान और इससे बचने के उपाय भी बताए. गठन किया गया है. टीम ने इस बीमारी की पहचान और इससे बचने के उपाय भी बताए.

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Published : Jun 24, 2019, 10:48 PM IST

पीएमसीएच की तस्वीर

धनबाद: बिहार में चमकी बुखार से लोग परेशान हैं, चमकी के कहर से अब तक बिहार में 170 से अधिक बच्चों की जान जा चुकी है. धनबाद में यह न फैले इसके लिए जिला प्रशासन सतर्क है. जिला प्रशासन ने चमकी बुखार से बचने के लिए डॉक्टरों की एक विशेष टीम बनाई है, ताकि यह बुखार धनबाद में अपने पांव न पसार सके.

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हालांकि धनबाद में अभी तक चमकी बुखार का एक भी मरीज देखने को नहीं मिला है. लोग चमकी बुखार को लेकर डरे हुए हैं लोगों ने कहा कि काल की तरह चमकी बुखार बिहार में आया हुआ है. उन मां-बाप पर क्या बीती होगी जिनके घरों का चिराग बुझ गया है. धनबाद में यह न फैले इसे लेकर सरकार और जिला प्रशासन को पहल करनी चाहिए.

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जिला प्रशासन द्वारा डॉक्टरों की एक विशेष टीम गठित की गई है. इस IDSP टीम के नोडल पदाधिकारी डॉ जफरुल्लाह को बनाया गया है. उन्होंने बताया कि अभी तक धनबाद में एक भी मरीज नहीं मिला है. लेकिन फिर भी एहतियात के तौर पर डॉक्टरों की टीम तैनात है और किसी भी प्रकार के खतरे से निपटने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि स्टेशन, बस अड्डे क्षेत्रों में कि बाहर से अधिकतर यात्री धनबाद पहुंचते हैं, जिसको लेकर विशेष चौकसी बरती जा रही है.

डॉ जफरुल्लाह ने आगे कहा कि तेज बुखार, डिहाइड्रेशन, चक्कर आना आदि इस बुखार के लक्षण हैं. ईटीवी भारत के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि तापमान से इस बुखार का कोई लेना देना नहीं है. हालांकि यह बुखार गर्मी के दिनों में जरूर होता है, लेकिन फिर भी यह स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि यह तापमान के द्वारा या लीची के द्वारा या किस कारण होता है. इसकी अभी तक कोई साइंटिफिक पुष्टि नहीं हो पाई है. एक बार बुखार हो जाने से कोई दवा फिर काम नहीं करती है. यह किस कारण फैल रहा है, इसकी अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी डॉक्टरों के पास नहीं है. इससे एहतियात रख कर ही बचा जा सकता है.

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