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कोरोना कहर के बीच फर्जी बहाली के विज्ञापन की बाढ़, पेयजल-स्वच्छता विभाग ने बताया फर्जी

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के लिए झारखंड में जूनियर इंजीनियर की बंपर बहाली का फर्जी विज्ञापन सोशल मीडिया में निकाला गया है. विज्ञापन के मुताबिक, जूनियर इंजीनियर और सहायक तकनीशियन ड्रिलिंग के पदों पर नियुक्ति की जानी है. सीधी भर्ती प्रतियोगिता के आधार पर नियुक्ति की जाने की बात कही गई है. पेयजल विभाग ने इसे फर्जी विज्ञापन बतलाया है.

Fake advertisement for job in drinking water-sanitation department in jharkhand
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग

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Published : Aug 18, 2020, 12:32 PM IST

धनबाद: कोरोना से पूरा विश्व परेशान है. भारत भी अछूता नहीं है, लेकिन इन सभी के बीच ठग ठगी से बाज नहीं आ रहे हैं और लोगों को चुना लगाने में जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के लिए झारखंड में जूनियर इंजीनियर की बंपर बहाली का फर्जी विज्ञापन सोशल मीडिया में निकाला गया है.

721 पदों पर वैकेंसी

बता दें कि फर्जी विज्ञापन में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में 721 पदों पर नौकरी के लिए पिछले महीने सोशल मीडिया में विज्ञापन जारी किया गया था. विज्ञापन के मुताबिक, जूनियर इंजीनियर और सहायक तकनीशियन ड्रिलिंग के पदों पर नियुक्ति की जानी है. सीधी भर्ती प्रतियोगिता के आधार पर नियुक्ति की जाने की बात कही गई है. अब किसी तरह यह मामला विभाग के पास पहुंचा है और विभाग इस पूरे प्रकरण पर सफाई देता फिर रहा है. पेयजल विभाग ने इसे फर्जी विज्ञापन बतलाया है.

विभाग ने बताया फर्जी

विज्ञापन में आवेदकों से नेपाल हाउस रांची के पते पर आवेदन मंगाया गया है. इसी के आधार पर उम्मीदवारों ने पेयजल और स्वच्छता विभाग झारखंड सरकार नेपाल हाउस, रांची के पते पर आवेदन भी भेजना शुरू कर दिया है. जब विभाग के पास आवेदन अगस्त के पहले सप्ताह में आने शुरू हुए तब इस फर्जीवाड़ा का पता चला. तब जाकर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने समाचार पत्रों में सूचना जारी की और अपनी सफाई दी कि ऐसा कोई आवेदन या बहाली विभाग के स्तर से नहीं किया जा रहा है. पेयजल विभाग के एसडीओ राहुल प्रियदर्शी के अनुसार, विभाग में कनीय अभियंता और तृतीय वर्ग के कर्मचारियों की नियुक्ति राज्य कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से की जाती है. बाजार में जो विज्ञापन जारी हुआ है वह फर्जी है. ऐसी कोई वैकेंसी विभाग द्वारा नहीं निकाली गई है.

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पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में इस बहाली का विज्ञापन सोशल मीडिया पर 8 जुलाई को निकाला गया था और उसी के आधार पर रांची के पते पर आवेदन भी भेजना लोगों ने शुरू कर दिया. इस विज्ञापन में सामान्य वर्गों के लिए 600 और आरक्षित वर्गों के लिए 450 रुपए का बैंक चालान मांगा गया था. कोरोना के कहर में जहां लोग बेरोजगार हो गए हैं, लोगों की नौकरियां जा रही है. ऐसी स्थिति में ठगों के द्वारा ठगी का प्रयास लोगों को और परेशानियों में डाल सकता है. इससे पहले भी ऐसा ही एक विज्ञापन झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के नाम से भी निकाला गया था. कोरोना के इस कहर काल में इन फर्जी विज्ञापनों पर विशेष तौर से अंकुश लगाने की जरूरत है वरना इस भीषण परिस्थिति में भी लोग ठगी का शिकार होने से नहीं बच पाएंगे.

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