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कोयलांचल में 50 लाख लोगों में पानी के लिए मचा हाहाकार - People in Dhanbad

पानी की समस्या को हल करने के लिए सबसे बड़ी परियोजना मैथन जलापूर्ति परियोजना है, जो आज मुख्य रूप से धनबाद के लोगों की प्यास बुझाती है. लगभग धनबाद से 60 किलोमीटर दूरी पर अवस्थित मैथन डैम से धनबाद के बरवाअड्डा इलाके के भेलाटांड़ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी पहुंचता है. यहां से लगभग 45 लाख लोगों को पानी मिलता है, लेकिन मैथन से धनबाद आने के क्रम में निरसा से गोविंदपुर तक पाइप में लीकेज द्वारा और अवैध पानी के कनेक्शन के द्वारा आधा पानी भेलाटांड़ पहुंचता ही नहीं है.

धनबाद में पानी के लिए लोग परेशान

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Published : May 17, 2019, 11:51 PM IST

धनबाद: कोयलांचल में गर्मी की आहट मात्र से ही लोग पीने के पानी के लिए परेशान हो गए हैं. आने वाले दिनों में शहर का तापमान और बढ़ने की संभावना है. ऐसे पानी की भीषण किल्लत धनबाद में देखने को मिलेगी. धनबाद के शहरी इलाके हो या ग्रामीण इलाके दोनों ही इलाकों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. लगभग 50 लाख शहरी इलाके के लोग पानी की समस्या से परेशान हैं.

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जिले में पानी की समस्या को हल करने के लिए सबसे बड़ी परियोजना मैथन जलापूर्ति परियोजना है, जो आज मुख्य रूप से धनबाद के लोगों की प्यास बुझाती है. लगभग धनबाद से 60 किलोमीटर दूरी पर अवस्थित मैथन डैम से धनबाद के बरवाअड्डा इलाके के भेलाटांड़ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी पहुंचता है. यहां से लगभग 45 लाख लोगों को पानी मिलता है, लेकिन मैथन से धनबाद आने के क्रम में निरसा से गोविंदपुर तक पाइप में लीकेज द्वारा और अवैध पानी के कनेक्शन के द्वारा आधा पानी भेलाटांड़ पहुंचता ही नहीं है.

77 एमएलडी है कैपेसिटी 35 एमएलडी होती है सप्लाई

भेलाटांड़ वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की कैपेसिटी 77 एमएलडी है, लेकिन मैथन डैम से यहां तक पानी आते-आते आधी हो जाती है. भेलाटांड़ को मात्र 40 से 45 एमएलडी पानी मिल पाता है. पानी को साफ करने में भी लगभग 5 एमएलडी पानी बर्बाद हो जाता है. ऐसे में 77 एमएलडी की जगह मात्र 35 एमएलडी पानी ही लोगों को सप्लाई हो पाता है.

लगभग 50 लाख लोग हैं प्रभावित

कार्यपालक अभियंता हरेन्द्र कुमार मिश्रा बताते हैं कि धनबाद के शहरी इलाकों के 19 जलमीनार में भेलाटांड़ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से पानी की सप्लाई होती है. एक जलमीनार में तकरीबन 2 से ढाई लाख लोग हैं. ऐसे में 45 से 50 लाख लोग इससे प्रभावित हैं. हालांकि उन्होंने बताया कि कुछ लेट से ही लेकिन मशीनों के लिए टेंडर निकाला गया है. जून तक मशीनें आ जाएंगी, जिसके बाद लोगों को कुछ राहत जरूर मिलेगी.

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