धनबाद:कोयलांचल के जीटी रोड नेशनल हाइवे पर गोविंदपुर के छोटा अंबोना मोड़ स्थित 2009 में बन रहे ट्रामा सेंटर का निर्माण कार्य अधूरा ही रह गया है. तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के हाथों ट्रामा सेंटर का शिलान्यास किया गया था और जनवरी 2011 में इसका उद्घाटन होना था, लेकिन आज तक यह ट्रामा सेंटर बनकर तैयार नहीं हो पाया है. फिलहाल यह असामाजिक तत्वों का जमावड़ा बनकर रह गया है.
3.67 करोड़ की लागतबता दें कि गोविंदपुर बाजार से कुछ ही दूरी पर जीटी रोड के किनारे छोटा अंबोना मोड़ के पास 3.67 करोड़ की लागत से ट्रामा सेंटर का निर्माण करवाया जा रहा था. जिसका शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने किया था. इस कार्यक्रम में मंत्री अपर्णा सेनगुप्ता, मंत्री बंधु तिर्की के अलावे अन्य गणमान्य शामिल थे. इस ट्रामा सेंटर का उद्घाटन जनवरी 2011 में ही किया जाना था, लेकिन दुर्भाग्यवश यह ट्रामा सेंटर आज तक नहीं बन पाया है. अभी जीटी रोड इलाके में सड़क दुर्घटना होने के बाद स्थानीय प्रशासन और परिजन आनन-फानन में मरीजों को पीएमसीएच धनबाद, बीजीएच बोकारो या फिर गंभीर अवस्था में पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर स्थित मिशन हॉस्पिटल ले जाने को मजबूर हो रहे हैं. अगर यह ट्रामा सेंटर बनकर तैयार हो जाता है तो सड़क दुर्घटना के बाद मरीज और उनके परिजनों को बहुत बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.
अधूरे में अटका ट्रामा सेंटर ये भी पढ़ें-facebook वाला प्यार पहुंचा मुकाम पर, प्रेमी जोड़े ने रचा ली शादी
आधा से ज्यादा बनकर हो चुका है तैयार
ट्रामा सेंटर का निर्माण स्वास्थ्य विभाग खुद ही करवा रही थी और आधे से ज्यादा बन कर भी तैयार हो चुका है. इसमें खिड़की-दरवाजे तक लगाए जा चुके थे, लेकिन काम बंद होने के बाद चोर खिड़की-दरवाजे तक चुरा कर ले गए. सुनसान होने के कारण अब यहां पर रात और दिन असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है. चारों तरफ शराब की बोतलें नजर आती हैं.
झाड़ियों से घिरा ट्रामा सेंटर 'कोई सुनवाई नहीं हो पाई'
स्थानीय बहुजन समाज पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुबल दास ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने ट्रामा सेंटर का शिलान्यास किया था. जिसके बाद 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी किसी ने ध्यान नहीं दिया. ऐसे में अब फिर से झारखंड में झामुमो की सरकार बनी है. उन्हीं के बेटे झारखंड के मुख्यमंत्री हैं. ऐसे में उम्मीद के साथ 24 फरवरी 2020 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस बारे में पत्र लिखा गया था, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि सरकार अगर इस ओर ध्यान नहीं देती है तो कोरोना काल के बाद जोरदार आंदोलन किया जाएगा.
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फिर से जगी आस
इन 10 वर्षों में कई सरकारें आई और गई, लेकिन इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया. ऐसे में एक बार फिर से हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने से ट्रामा सेंटर बनाने की आस लोगों में जगी है.