झरिया/धनबाद: इन दिनों कोयलांचल के भागा स्टेशन पर पत्थर को कोयला बनाने का खेल धड़ल्ले से चल रहा है. यह सब हो रहा है रेलवे, बीसीसीएल, जिला प्रसासन और ठेकेदार की मिलीभगत से. इन पत्थरों को चारकोल बनाकर पावर प्लांटों में भेजा जाता हैं जिससे पावर प्लांट को नुकसान झेलना पड़ता है.
धनबाद के भागा रेलवे स्टेशन पर बीसीसीएल और कई अन्य जगहों से रैक और हाइवा द्वारा कोयला के नाम पर पत्थर मंगाया जाता है. इसे कच्छी बलिहारी भेजा जाता है, जहां एक बड़े एरिया में डंपिंग यार्ड बना हुआ है. वहां इन पत्थरों को मशीन द्वारा छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटा जाता है. फिर कोयले का पाउडर जिसे चारकोल कहा जाता है उसे मिलाकर कोयले का रूप दिया जाता है ओर फिर इसे रैक में लोड कर कई पावर प्लांटों में भेज दिया जाता है.
जीआरपी ने क्या कहा ?
इस मामले में जीआरपी ने कहा कि प्रभारी सहित सभी जवान चुनाव डयूटी में चले गए हैं मै अकेला क्या कर सकता हूं. इधर, भागा स्टेशन के स्टेशन मास्टर ने कहा इस मामले में मैं कुछ नही बता सकता, इसकी जानकारी माल गोदाम के बाबू ललन प्रसाद ही दे सकते हैं. माल गोदाम के बाबू ललन प्रसाद के पास पहुंचने के बाद उस जगह ले गए जहां पत्थर से भरा रैक खाली किया जा रहा था. उन्होंने पूछने पर कहा कि किसी कीमत पर इसे पत्थर नहीं कहा जा सकता.
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किसी ने नहीं दी ट्रांसपोर्टरों को जानकारी
सूत्रों से पता चला है कि नरेश कंपनी ने बीकेबी को भागा स्टेशन में रैक लोडिंग का काम दिया है. ओर बीकेबी ने कच्छी बलिहारी में डंपिंग यार्ड बनाया है, जहां मिलावट का काम किया जाता है. डंपिंग यार्ड से इस ट्रांसपोर्टिंग के काम को बीकेबी ने इकबाल खान को दे दिया है.