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धनबाद के सिंदरी में प्रेशर पॉलिटिक्स, BJP-AJSU ने एक-दूसरे के खिलाफ ठोके ताल

सिंदरी विधानसभा में इस वक्त एनडीए और यूपीए गठबंधन दोनों में जमकर प्रेशर पॉलिटिक्स दिख रही है. 2014 के विधानसभा चुनाव के पहले धनबाद की 6 विधानसभा सीटों में से एक भी सीटों पर आजसू अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं करता था.

चंद्रशेखर सिंह

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Published : Nov 13, 2019, 11:07 PM IST

Updated : Nov 14, 2019, 6:54 AM IST

धनबाद: झारखंड विधानसभा का बिगुल बजने के बाद हर जगह अलग-अलग नजारा देखने को मिल रहा है. सिंदरी विधानसभा में इस वक्त एनडीए और यूपीए गठबंधन दोनों में जमकर प्रेशर पॉलिटिक्स दिख रही है. सिंदरी विधानसभा में भाजपा और आजसू दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. अब देखना दिलचस्प होगा कि दोनों मैदान में रहते हैं या कोई मैदान से हट जाते हैं. वहीं यूपीए में भी यही देखने को मिल रहा है.

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2014 विधानसभा चुनाव के पहले जिले में आजसू की नहीं थी कोई सीट
बता दें कि भाजपा और आजसू का गठबंधन सिंदरी में टूटने की कगार पर है या फिर यूं कहें तो आजसू प्रेशर पॉलिटिक्स कर रही है. 2014 के विधानसभा चुनाव के पहले धनबाद की 6 विधानसभा सीटों में से एक भी सीटों पर आजसू अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं करता था. 2014 में गठबंधन के तहत टुंडी विधानसभा की सीट आजसू को दी गई थी और वहां से आजसू ने अपना झंडा भी फहराया.

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2014 के चुनाव में टुंडी से राजकिशोर महतो ने दर्ज की जीत
गठबंधन के तहत दिए गए आजसू की सीट पर राजकिशोर महतो ने जीत दर्ज की. राजकिशोर महतो उस समय भाजपा में ही थे और वह टुंडी सीट की मांग भाजपा से कर रहे थे. लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया और गठबंधन के तहत आजसू की झोली में टुंडी की सीट डाल दी गई. फिर राजकिशोर महतो भाजपा को छोड़कर आजसू में चले गए और टुंडी से विधानसभा चुनाव जीत गए. राजकिशोर महतो ने वहां से जीत दर्ज कर ली और आज भी वह आजसू में बरकरार हैं.

सिंदरी और टुंडी विधानसभा दोनों सटा हुआ इलाका
अब जब टुंडी विधानसभा से आजसू के विधायक हैं तो पास के ही सिंदरी विधानसभा के कुछ ग्रामीण इलाकों में भी आजसू का दबदबा हो गया है. कुछ ग्रामीण इलाकों की बदौलत सिंदरी विधानसभा पर आजसू का जनाधार कुछ बढ़ता दिख रहा है. इसी को देखते हुए सिंदरी विधानसभा पर आजसू की नजर है.

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भाजपा और आजसू का गठबंधन हुआ तार-तार
एनडीए गठबंधन को तार-तार करते हुए भाजपा और आजसू दोनों ने ही अपना उम्मीदवार सिंदरी विधानसभा से घोषित कर दिया है. भाजपा से इंद्रजीत महतो प्रत्याशी हैं. वहीं आजसू के जिला अध्यक्ष सदानंद महतो उर्फ मंटू महतो आजसू के प्रत्याशी घोषित किए गए हैं.

महागठबंधन पर भी सस्पेंस बरकरार
बता दें कि यूपीए महागठबंधन में भी सिंदरी विधानसभा में उहापोह की स्थिति है. क्योंकि अभी तक वाम दल महागठबंधन में शामिल है या नहीं यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है. हालांकि, सिंदरी विधानसभा से जेएमएम ने अभी तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. लेकिन सूत्रों की माने तो मासस सिंदरी और निरसा विधानसभा की सीट छोड़ने वाली नहीं है, चाहे वह महागठबंधन में रहे या न रहे. मासस ने सिंदरी विधानसभा से आनंद महतो जो पूर्व में चार बार विधायक रह चुके हैं और लगातार 4 वर्षों से दूसरे पायदान पर जमे हुए हैं उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित कर रखा है.

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कौन जाएगा विधानसभा?
ऐसे में सिंदरी विधानसभा की सीट पूरे धनबाद में दिलचस्प होती जा रही है. अभी तक यहां से एनडीए और यूपीए गठबंधन दोनों तार-तार होता दिख रहा है. ऐसे में जनता 16 दिसंबर को होने वाले चुनाव में किस प्रत्याशी पर कितना भरोसा कर पाती है और किसे विधानसभा भेजने का काम करती है यह तो आने वाले 23 दिसंबर को ही पता चल पाएगा.

Last Updated : Nov 14, 2019, 6:54 AM IST

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