धनबाद: झारखंड विधानसभा का बिगुल बजने के बाद हर जगह अलग-अलग नजारा देखने को मिल रहा है. सिंदरी विधानसभा में इस वक्त एनडीए और यूपीए गठबंधन दोनों में जमकर प्रेशर पॉलिटिक्स दिख रही है. सिंदरी विधानसभा में भाजपा और आजसू दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. अब देखना दिलचस्प होगा कि दोनों मैदान में रहते हैं या कोई मैदान से हट जाते हैं. वहीं यूपीए में भी यही देखने को मिल रहा है.
2014 विधानसभा चुनाव के पहले जिले में आजसू की नहीं थी कोई सीट
बता दें कि भाजपा और आजसू का गठबंधन सिंदरी में टूटने की कगार पर है या फिर यूं कहें तो आजसू प्रेशर पॉलिटिक्स कर रही है. 2014 के विधानसभा चुनाव के पहले धनबाद की 6 विधानसभा सीटों में से एक भी सीटों पर आजसू अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं करता था. 2014 में गठबंधन के तहत टुंडी विधानसभा की सीट आजसू को दी गई थी और वहां से आजसू ने अपना झंडा भी फहराया.
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2014 के चुनाव में टुंडी से राजकिशोर महतो ने दर्ज की जीत
गठबंधन के तहत दिए गए आजसू की सीट पर राजकिशोर महतो ने जीत दर्ज की. राजकिशोर महतो उस समय भाजपा में ही थे और वह टुंडी सीट की मांग भाजपा से कर रहे थे. लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया और गठबंधन के तहत आजसू की झोली में टुंडी की सीट डाल दी गई. फिर राजकिशोर महतो भाजपा को छोड़कर आजसू में चले गए और टुंडी से विधानसभा चुनाव जीत गए. राजकिशोर महतो ने वहां से जीत दर्ज कर ली और आज भी वह आजसू में बरकरार हैं.
सिंदरी और टुंडी विधानसभा दोनों सटा हुआ इलाका
अब जब टुंडी विधानसभा से आजसू के विधायक हैं तो पास के ही सिंदरी विधानसभा के कुछ ग्रामीण इलाकों में भी आजसू का दबदबा हो गया है. कुछ ग्रामीण इलाकों की बदौलत सिंदरी विधानसभा पर आजसू का जनाधार कुछ बढ़ता दिख रहा है. इसी को देखते हुए सिंदरी विधानसभा पर आजसू की नजर है.