देवघर:12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवघर पहुंच रहे हैं. पीएम के आगमन से लेकर आम सभा तक के सभी रास्तों पर बीजेपी ने पूरे शहर को बैनर पोस्टरों से पाट दिया है. बैनर पोस्टर में एयरपोर्ट के अलावा ऐम्स, स्पोर्ट्स कंपलेक्स, फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट, साहिबगंज बंदरगाह सहित संथाल परगना में केंद्रीय योजनाओं को भी जगह दी गई है. वहीं कई जगहों पर बैनर लगाकर राज्य सरकार भी एयरपोर्ट का श्रेय लेना चाहती है.
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देवघर एयरपोर्ट बनने के एलान के बाद से ही इस पर राजनीति होती आ रही है. इसे लेकर बीजेपी और झामुमो हमेशा आमने-सामने रही है. देवघर एयरपोर्ट का केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से निर्माण कराया गया है. 12 जुलाई को इस एयरपोर्ट का उद्घाटन पीएम मोदी करने वाले हैं. पीएम के कार्यक्रम को लेकर भाजपा काफी उत्साहित है. बीजेपी पीएम के कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है.
झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि भाजपा जो कर रही है वह संघीय ढांचा और लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. पूरे शहर में जगह-जगह बैनर पोस्टर लगाए जा रहे हैं, लेकिन कहीं भी झारखंड सरकार को जगह नहीं दी गई है. देवघर एयरपोर्ट तो केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से बना है. जमीन राज्य सरकार ने मुहैया करायी है. लेकिन भाजपा के लोग पूरे आयोजन को इस कदर पेश कर रहे हैं जैसे पूरा प्रोजेक्ट केंद्र सरकार का हो. उन्होंने कहा कि तमाम गैर भाजपा शासित राज्यों में इस तरह का काम हो रहा है. बैनर-पोस्टर को छोड़िए, भाजपा तो गैर भाजपा सरकारों को अस्थिर करने की कोशिशों में जुटी रहती है. हालांकि इस मसले पर झामुमो की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई.
दूसरी तरफ भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कांग्रेस के स्टैंड की तुलना बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना वाली कहावत से की. उन्होंने कहा कि पहली बार देश के पीएम बाबा की पूजा करने देवघर आ रहे हैं. वह जनसभा को भी संबोधित करेंगे. इसको लेकर भाजपा कार्यकर्ता उत्साहित हैं. कार्यकर्ता ही नहीं आम लोग भी अपने घरों के आगे झंडा और बैनर-पोस्टर लगाकर पीएम के स्वागत की तैयारी कर रहे हैं. जब सीएम को आपत्ति नहीं है, झामुमो को आपत्ति नहीं है, फिर कांग्रेस को क्यों तकलीफ हो रही है.
11 अगस्त 2021 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखकर बताया था कि करीब 850 करोड़ की लागत से निर्मित एयरपोर्ट के निर्माण में जमीन मुहैया कराने समेत राज्य सरकार का कुल 600 करोड़ का अंशदान है. उन्होंने जन भावना का ख्याल रखते हुए देवघर एयरपोर्ट का नाम बाबा बैद्यनाथ एयरपोर्ट रखने की मांग की थी. लेकिन नाम नहीं बदला गया.
एयरपोर्ट ऑथोरिटी के निदेशक संदीप ढींगरा ने ईटीवी भारत को बताया कि साल 2017 में एयरपोर्ट के विस्तारीकरण को लेकर राज्य सरकार, डीआरडीओ भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के बीच एमओयू हुआ था. इस प्रोजेक्ट में 49 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार का है. इंफ्रास्ट्रक्चर पर 401 करोड़ खर्च हुए हैं. यह पूछे जाने पर कि सीएम की तरफ से केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में जिक्र है कि 850 करोड़ की लागत आई है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से अधिग्रहित जमीन की लागत जोड़कर ऐसा बताया जा रहा होगा.