देवघर: झारखंड के 14 लोकसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव को लेकर जहां सियासी तापमान बढ़ गया है. वहीं, संथाल परगना की सबसे हॉट सीट गोड्डा को लेकर बीजेपी और महागठबंधन के बीच कांटे का मुकाबला है. लेकिन इन सबके बीच महागठबंधन के भीतर भारी मनमुटाव भी नजर आ रहा है. चुनाव की घोषाणा के बाद से ही संथाल की गोड्डा सीट पर महागबंधन के बीच खींच तान जारी है. कैंडिडेट फाइनल होने के बाद तमाम दल के नेता इस चुनावी मिलन को चट्टानी एकता करार दे रहे हैं. लेकिन गोड्डा लोकसभा से पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता फुरकान अंसारी समेत कुछ अन्य की नाराजगी महागठबंधन का खेल बिगाड़ सकती है.
महागठबंधन को सता रहा 'भीतरघात' का भय! दोस्तों ने बताया 'चट्टानी एकता'
लोकसभा चुनाव शुरू हो चुका है लेकिन गोड्डा सीट पर महागठबंधन के बीच अब भी खींचतान जारी है. भले ही तमाम दल इस गठबंधन को चट्टानी एकता करार दे रहे हैं लेकिन अंदरखाने क्या चल रहा है यह साफ नहीं है.
फुरकान अंसारी का टिकट कटने के बाद उनकी बेटी ने गोड्डा के गदर में ताल ठोकने का मन बनाया था. इस पर कांग्रेस ने विराम लगाते हुए कहा कि वह महागठबंधन के प्रत्याशी के साथ हैं. उनका सिर्फ एक ही मकसद है महागठबंधन की जीत सुनिश्चित करना. कांग्रेस ने ये भी कहा कि अगर कोई पार्टी विरोधी काम करता है तो उसपर कार्रवाई होना तय है.
वहीं, जेएमएम का कहना है कि पूरे झारखंड में विपक्ष एकजुट है और फुरकान अंसारी की बेटी चुनाव नहीं लड़ने वाली है. इस पूरे प्रकरण पर जेएमएम और जेवीएम का शीर्ष नेतृत्व नजर रखे हुए है.
इधर, महागठबंधन के दूसरे सहयोगी आरजेडी ने कहा कि पूरी चट्टानी एकता के महागठबंधन चुनावी मैदान में है. उन्होंने ये भी कहा एनडीए उनकी विरोधी हैं और वह क्या बयान देते हैं इससे फर्क नहीं पड़ता. अपने घटक दलों से नाराज नेताओं को मना कर भले ही गठबंधन अपनी जीत का दावा करती नजर आ रही हो. लेकिन मतदान की तारीख तक अगर गठबंधन अपने भीतरघात पर लगाम नहीं लगा पाया ते नतीजे पर असर पड़ सकता है.