चाईबासा: झारखंड सरकार के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पश्चिमी सिंहभूम अंतर्गत बंद पड़े रोरो माइंस के क्षेत्र में प्रभावित परिवारों के लिए किए गए कार्यों की गुरुवार को समीक्षा की गई. वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की गई समीक्षा में आयुक्त कोल्हान प्रमंडल डॉक्टर मनीष रंजन, पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त अरवा राजकमल और अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे.
वीडियो कॉन्फ्रेंस के विषय में जानकारी देते हुए जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने कहा कि रोरो माइंस क्षेत्र संबंधी विषय राष्ट्रीय हरित अधिकरण के विचाराधीन है. इसी के तहत मुख्य सचिव के आदेश के आलोक में प्रमंडल के आयुक्त की अध्यक्षता में क्षेत्रिय समिति का गठन किया गया है. विगत महीने में रोरो माइंस के क्षेत्र में दो दिवसीय कैंप का आयोजन किया गया. उक्त कैंप में कंपनी के प्रोविडेंट फंड से संबंधित 448 की संख्या में क्लेम फॉर्मेट के अनुसार प्राप्त किए गए. साथ ही कुछ आवेदन पेंशन के लिए भी प्राप्त हुए हैं. सभी क्षेत्रीय प्रोविडेंट फंड कमिश्नर को अग्रसारित किए गए हैं.
रोरो माइंस क्षेत्र के नवीकरण हेतु डीपीआर बनाने का निर्देश
उपायुक्त अरवा राजकमल ने कहा कि क्षेत्र में कई अन्य मूलभूत और आधारभूत संरचनाओं संबंधी कार्य जैसे जल मीनार, पीसीसी सड़क निर्माण कार्य भी शुरू हो गए हैं. उक्त स्थल पर डिस्प्ले बोर्ड भी लगाया गया है. प्राथमिक कार्य करने के बाद क्षेत्र के पुनर्नवीकरण का कार्य होगा. पूरे देश में पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण संस्था और पर्यावरण इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कार्यरत नेशनल एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट अर्थात नीरी (NEERI) के माध्यम से पूरे रोरो माइंस क्षेत्र को पूरी तरह से रिक्लेम करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे. क्षेत्र में स्वच्छ वातावरण निर्मित करने के लिए जो आवश्यक कार्य होंगे उसके विषय में डीपीआर बनाने का निर्देश मुख्य सचिव की ओर से दिया गया है.