चाईबासाः जिला प्रशासन की मदद से जिला बाल संरक्षण आयोग ने नई दिल्ली में मानव तस्करी के खिलाफ अभियान चलाया. इस अभियान के दौरान तस्करी की शिकार हुई 12 लड़कियों को मुक्त कराया गया है. इन किशोरियों को दिल्ली से रांची और चाईबासा लाया गया है.
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ये किशोरियां दलालों के चुंगल में फंसकर पैसों की लालच में बाहर काम करने गए थे. इसमें ज्यादातर बालिका गोईलकेरा, गुदड़ी और बंदगांव प्रखंड की है. जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी और उनकी टीम ने जानकारी दी कि लड़कियों ने बताया है कि वो बहुत कम पढ़े लिखे हैं. दलाल बहलाने-फुसलाने के साथ साथ परिवारवालों को पैसे का प्रलोभन देकर दिल्ली ले गए थे. लेकिन, दिल्ली में बंधक बनाकर काम लिया जा रहा था. काफी प्रताड़ना सहन करने के बाद जिला प्रशासन को घटना की सूचना दी.
पीड़ित किशोरियों से मिली सूचना के आधार पर दिल्ली स्थित झारखंड पुनर्वास सह संसाधन केंद्र के पदाधिकारी ने दिल्ली पुलिस और रेस्क्यू फाउंडेशन द्वारा सभी किशोरियों को मुक्त कराया. इसके बाद विभिन्न बाल गृहों में रखा गया है. फिर समाज कल्याण विभाग की टीम नई दिल्ली से रांची और फिर चाईबासा पहुंची. इन किशोरियों को बाल कल्याण समिति के निर्देश में बाल सुरक्षा गृह में आश्रय प्रदान किया गया है. बाल कल्याण समिति के निर्णय के बाद सभी बच्चों को उनके परिजनों को सौंपा जाएगा.