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इस मंदिर में महिलाओं का प्रवेश है वर्जित, सैकड़ों सालों से चली आ रही परंपरा का आज भी हो रहा पालन

नवरात्र के दौरान मां शक्ति की पूजा की जाती है. इस दौरान कन्याओं के पूजा करने का भी विधान है. लेकिन बोकारो के मंगला चंडी मंदिर में महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित है (Women are prohibited entering Mangla Chandi Temple). यहां महिलाएं मंदिर के 100 मीटर दूर से ही पूजा करती हैं.

Women are prohibited entering Mangla Chandi Temple
Women are prohibited entering Mangla Chandi Temple

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Published : Sep 29, 2022, 7:05 PM IST

Updated : Sep 30, 2022, 1:08 PM IST

बोकारो:नारी शक्ति के रूप में नवरात्रि में एक तरफ जहां मां दुर्गा की पूजा की जा रही है. देश भर के मंदिरों में महिलाएं मां के दरबार में प्रवेश कर पूजा पाठ कर रहीं हैं. वहीं बोकारो जिले में एक ऐसा मंदिर जहां महिलाओं का प्रवेश वर्जित है(Women are prohibited entering Mangla Chandi Temple). यहां महिलाएं पूजा पाठ करने के लिए मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं कर सकती हैं.

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बोकारो मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर कसमार प्रखंड में मां मंगला चंडी मंदिर स्थित है. यहां महिलाएं मंदिर से करीब 100 डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर ही रहकर पूजा पाठ करती हैं. प्रसाद चढ़ाने के लिए मंदिर के पुजारी को दूर से ही दे देती हैं. सिर्फ प्रवेश ही नहीं यहां पर जो बलि दी जाती है वह प्रसाद भी महिलाएं नहीं खा सकती हैं. हालांकि जो फल लड्डू चढ़ाया जाता है उसका सेवन महिलाएं कर सकती हैं.

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श्रद्धालु लक्ष्मी ठाकुरका कहना है कि यहां बिहार, बंगाल और झारखंड के दूर दूर के इलाके से भक्त आते हैं. यहां मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है. मन्नत पूरी होने के बाद भक्त दोबारा इस मंदिर के दर्शन करने पहुंचते हैं. उनका कहना है कि यह बहुत पहले से परंपरा चली आ रही हैं, महिलाएं इस मंदिर में प्रवेश नहीं करती हैं. पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है इस परंपरा को तोड़ने की किसी में हिम्मत नहीं होती है. यहां दूर से ही पूजा पाठ करने से सारी मन्नतें पूरी हो जाती हैं.

श्रद्धालु नीलम जायसवालबताती हैं कि मां की महिमा अपरंपार है. उनमें अपार शक्ति है. माता को देखने की तो इच्छा होती है. लेकिन वो परंपरा का पालन करती हैं. उन्होंने कहा कि वो मन से माता के स्वरूप का दर्शन कर लेती हैं. यहां आकर काफी अच्छा लगता है.

श्रद्धालु विवेक कुमारकहते हैं कि पहले माता का मंदिर गांव के अंदर था, लेकिन बाद में उन्हें गांव के बाहर स्थापित किया गया. उन्होंने बताया कि मां भक्त के सपने में आए और कहा कि वो बंधन में नहीं रहना चाहती. जिसके बाद गांव के बाहर उनका मंदिर बनाया गया. उन्होंने बताया कि यहां महिलाएं मां के दर्शन नहीं करती हैं. पहले कुछ महिलाओं ने मां के दर्शन की जिद की थी, लेकिन उनकी मानसिक स्थिति खऱाब हो गई.

मंदिर के पुजारी गोपाल चंद्र झा बताते हैं कियहां महिलाओं के पूजा नहीं करने की परंपरा करीब 150 साल से चली आ रही है. महिलाओं का मंदिर में प्रवेश वर्जित है. मां मंगला चंडी के इस मंदिर में दूरदराज से श्रद्धालु पहुंचते हैं. पुजारी बताते हैं कि यहां एक बार ऐसी घटना सामने आई थी कि एक महिला मंदिर के अंदर प्रवेश कर पूजा पाठ कर रही थी. जिसके बाद वह पागल हो गई और कुछ ही दिनों के बाद उसकी मौत हो गई. जिसके बाद यहां महिलाओं का प्रवेश वर्जित माना जाता है.

Last Updated : Sep 30, 2022, 1:08 PM IST

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