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जिसे बांधी राखी, उसे ही काटना चाहते हैं वन विभाग के कर्मचारी

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Published : Jul 6, 2019, 8:14 PM IST

जल जंगल जमीन झारखंड की अस्मिता है लेकिन इसके अस्मिता पर भी खतरा मंडराने लगा है. राज्य में विकास के नामों पर अंधाधुंध पेड़ों की कटाई हो रही, जिससे आम लोगों की जिंदगी पर भी सीधा असर पड़ रहा है.

जंगल काटने का लोगों ने किया विरोध

बोकारो: जिले के ऊपर घाट में पावर ग्रिड बनाने के नाम पर हजारों पेड़ काटने की तैयारी की जा रही है, जबकि कंजकिरो पंचायत में पावर ग्रिड का टावर लगाने के लिए पेड़ों की कटाई शुरू कर दी गई है. वन विभाग 300 से ज्यादा मजदूरों को लेकर पेड़ काटने में जुट गया है, जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया है.

जंगल है तभी कल है, देखें पूरी खबर

पेड़ काटने आए वन विभाग के अधिकारियों और मजदूरों को हजारों लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. पुरुष हो या महिला सभी पेड़ को बचाने उसके सामने आ गए. लोगों ने पेड़ काटने आए मजदूरों को चेतावनी देकर वहां से भगा दिया.


लोगों का कहना है कि कभी वन विभाग के लोगों ने ही पेड़ों को बचाने का संकल्प लिया था. यही नहीं उन्होंने पेड़ों को राखी बांधकर उसे बचाने की कसम भी खाई थी. लेकिन आज वह उन कसमों को भूल चुके हैं और ठेकेदारों के साथ यहां उसे काटने की जुगत में हैं. हालांकि फिलहाल स्थानीय लोगों के विरोध के बाद उन्हें जाना पड़ा, लेकिन ग्रामीणों को सरकारी काम में बाधा देने के नाम पर धमकाया जा रहा है.
ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि जंगल में महुआ और सखुआ के पेड़ हैं जिसकी कीमत ज्यादा होती है. ग्रामीणों का आरोप है कि इन पेड़ों की तस्करी की जाती है. 2006 के वन अधिकार कानून के तहत जंगलों की रक्षा का अधिकार ग्राम सभा को दिया गया है. ग्राम सभा की अनुमति के बिना पेड़ों की कटाई नहीं की जा सकती है.

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