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बंदूक की नोंक पर हुआ था पकड़ुआ विवाह, 2 साल बाद कोर्ट ने शादी को किया अमान्य

पकड़ुआ विवाह के शिकार बने बोकारो के विनोद कुमार को इंसाफ मिल गया है. करीब दो साल की लंबी लड़ाई के बाद पटना फैमिली कोर्ट ने शादी को अमान्य कर दिया है .विनोद कुमार ने ईटीवी भारत से आपबीती शेयर की.

पकड़ुआ विवाह के शिकार विनोद कुमार

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Published : Jul 27, 2019, 10:05 PM IST

बोकारो: विवाह सात जन्मों का बंधन होता है लेकिन बिहार में पकड़ुआ विवाह की कुप्रथा ने कई युवाओं की जिंदगी बर्बाद कर दी है. बोकारो में बीएसएल के असिस्टेंट मैनेजर विनोद कुमार भी इसके शिकार हुए थे. उन्होंने 2 साल की लंबी न्यायिक लड़ाई लड़ी, जिसके बाद पटना फैमिली कोर्ट ने इस शादी को अमान्य करार दे दिया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

3 दिसंबर 2017 की घटना
3 दिसंबर 2017 विनोद को उनके पारिवारिक मित्र ने मिलने के बहाने मोकामा के पास पंडारक थाना के गोप कित्ता गांव बुलाया. उसने जबरन अपनी बहन से बंदूक की नोंक पर शादी करवा दी. विनोद ने जब इसका विरोध किया तो सुरेंद्र यादव और उनके परिवार वालों ने जमकर पिटाई की. जिसके बाद विनोद ने दबाव में आकर शादी कर ली. शादी के बाद भी विनोद को मनाने की कोशिश की गई, लेकिन जब वह नहीं माने तो फिर उनकी पिटाई की गई और उन्हें कमरे में बंद कर दिया गया.

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पुलिस ने नहीं की मदद
किसी तरह विनोद ने घर वालों से संपर्क किया और उन्हें बुलाया. विनोद ने बताया कि उसे पंडारक थाना ने कोई सहयोग नहीं किया और विनोद पर ही लड़की को अपना लेने का दबाव बनाने रहे. जब विनोद के परिवार वालों ने वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर पूरी बात बताई, तब विनोद को छोड़ा गया.

कोर्ट में दर्ज की केस
इस दौरान पुलिस और लड़की पक्ष वाले पूरी कोशिश करते रहे कि लड़की को विनोद के साथ विदा कर दिया जाए, लेकिन विनोद ने लड़की को अपनाने से साफ मना कर दिया और पारिवारिक न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया. वहीं, विनोद को जान से मारने की धमकी भी दिया. जिसके बाद विनोद ने पुलिस के रवैए के खिलाफ क्रिमिनल कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया.

कोर्ट ने शादी को अमान्य करार दिया
2 साल की लंबी न्यायिक लड़ाई के बाद पटना की पारिवारिक अदालत ने इस शादी को अमान्य करार दिया है. इस पर विनोद कहते है कि सत्य की जीत हुई है. वहीं, उनका ये भी कहना है कि पुलिस ने उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया और ना ही उनके मामले में कोई उनकी मदद की.

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