बोकारोः जिले के कसमार प्रखंड स्थित करमा गांव की रहने वाली सरस्वती देवी शोषित पीड़ित महिलाओं के लिए हर मर्ज की दवा हैं. किसी भी तरह की परेशानी झेल रही महिला के आगे वह ढाल बनकर खड़ी हो जाती हैं. शायद यही कारण है कि क्षेत्र में लोग उन्हें आयरन लेडी के नाम से जानते हैं. 60 वर्ष से ज्यादा उम्र होने के बावजूद सरस्वती देवी प्रतिदिन महिलाओं के हित के लिए 15 से 20 किलोमीटर साइकिल चलाती हैं.
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डायन प्रथा के खिलाफ आवाज उठाईं
कसमार प्रखंड के अलग-अलग गांव की रहने वाली रंजीता और पारो देवी ने बताया कि सरस्वती देवी के कारण यहां की महिलाओं को काफी हिम्मत मिलती है. उन्होंने डायन प्रथा के खिलाफ काफी काम किया. इसके अलावा घर परिवार में प्रताड़ित किशोरी और महिलाओं की हक की लड़ाई लड़ीं. उन्होंने यहां की महिलाओं के लिए काफी कुछ किया है. महिलाओं का छोटा-छोटा ग्रुप बनाकर पैसे की बचत करना सिखाया ताकि छोटी बड़ी जरूरत के लिए उन्हें किसी के आगे हाथ फैलाने की आवश्यकता न पड़े.