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बोकारों में लाखों की योजना हुई बेकार, आश्रय गृह को बना डाला गेस्ट हाउस - Pavement

सरकारी योजनाओं का मजाक किस तरह से बनाया जाता है, उसका जीता-जागता उदाहरण है, बोकारो का आश्रय गृह. जिस बनाया तो गया था बेघरों को ठिकाना देने के लिए. लेकिन आज यह गेस्ट हाउस बनकर रह गया है.

आश्रय गृह बना अतिथिशाला

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Published : Jul 10, 2019, 12:49 PM IST

बोकारो: जिले में निराश्रितों के लिए बना 50 बेड वाला आश्रय गृह रेस्ट हाउस बनकर रह गया है. चास नगर निगम ने लाखों रुपए खर्च करके 50 बेड वाला आश्रय गृह बनावाया था. ताकि जिनके सिर पर छत ना हो उन्हें छत मिल सके और कोई भी महिला फुटपाथ पर नहीं सोए.

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सभी सुविधाओं से संपन्न बोकारो का यह आश्रयगृह अब गेस्ट हाउस बनकर रह गया है. यहां जिनके सिर पर छत नहीं है, उन्हें नहीं बल्कि शहर में ट्रेनिंग करने और दूसरे काम से आई लड़कियों को जगह मिल रही है. उसके बदले उनसे पैसे वसूले जा रहे हैं.

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इस आश्रय गृह में जहां 50 बेड लगने थे वहां महज 20 बेड लगाए गए हैं. वहां भी जरूरतमंदों की जगह नर्सिंग और दूसरे कोर्स करने आई लड़कियों को रखा जा रहा है. इसके बदले उनसे पैसे वसूले जा रहे हैं. जबकि नियम यह है कि यहां पर निराश्रितों को छत देना है और किसी से कोई शुल्क नहीं लेना है.

मामले में जब हमने चास नगर निगम के उपमहापौर अविनाश कुमार से बात की, तो उन्होंने कहा कि यह नियमों के खिलाफ और सरासर गलत है. इसकी जल्द से जल्द जांच की जाएगी और दोषी पाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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