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हजारीबागः बरवाडीह कोल माइंस के विरोध में ग्रामीणों का धरना 24 दिनों से जारी, अब तक नहीं पहुंचा कंपनी का कोई अधिकारी

हजारीबाग में एनटीपीसी पंकरी बरवाडीह कोल माइंस के विरोध में ग्रामीणों का धरना 24 दिनों से जारी है. कारणपुरा विस्थापित समिति के नेतृत्व में यह धरना लगातार जारी है, लेकिन अब तक कंपनी का कोई भी अधिकारी आंदोलनकारियों से सीधे वार्ता करने नहीं पहुंचा है.

Villagers protest against Barwadih coal mines in hazaribag
बरवाडीह कोल माइंस के विरोध में ग्रामीणों का धरना

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Published : Sep 24, 2020, 9:33 PM IST

हजारीबाग: बड़कागांव प्रखंड के कई गांव में एनटीपीसी पंकरी बरवाडीह कोल माइंस के विरोध में ग्रामीणों का धरना प्रदर्शन कई दिनों से जारी है. इसके तहत सिंदवारी पंचायत के निमिया डैम के पास कारणपुरा विस्थापित समिति के तत्वाधान में 24 दिनों से लगातार धरना जारी है. समिति के अध्यक्ष प्रदीप महतो ने बताया कि सिंदवारी पंचायत से भूमि अधिग्रहण हुआ है, लेकिन मुआवजा उचित मूल्य में नहीं मिला है और ना ही रोजगार. उन्होंने बताया कि कंपनी केवल नेता, मंत्री और दलालों के चक्कर में उलझी हुई है. वहीं, आज तक रैयतों के साथ सीधी वार्ता नहीं की गई है. इसीलिए रैयतों को हक और अधिकार नहीं मिला है. इस कारण वे लोग आंदोलनरत हैं.

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उन्होंने कहा कि जिस दिन कंपनी रैयतों और किसानों से सीधी वार्ता करेगी उस दिन ही आंदोलन समाप्त हो जाएगा. रैयतों से कंपनी को वार्ता करने का प्रयास करना चाहिए. कंपनी वार्ता करेगी तो काम करने में कोई समस्या नहीं होगी. उनका कहना है कि रैयतों को मुआवजा, सुविधा और नौकरी मिलनी चाहिए. वहीं, मौके पर प्रदीप कुमार महतो, सचिव प्रमोद कुमार दास ,संजय कुमार कुशवाहा ,संतोष वर्मा ,संजय कुमार साव, ओमप्रकाश साव ,प्रदीप कुमार, श्याम कुमार ,दिवाकर मिस्त्री, देव कुमार, आदिल चांद, अब्दुल हसन ,निर्मल कुमार, रियाजुल अंसारी समेत क्षेत्र के सभी रैयत शामिल है. इसके अलावा बड़कागांव प्रखंड के सूर्य मंदिर, तेलियातरी, उरुब चेपाखुर्द ,चेपाकला, डाड़ी खुर्द,डाड़ी कला, सिंदुवारी, आराहरा,पंकरी बरवाडीह,सीकरी,केरीगढ़ा आदि गांव में भी धरना 24-25 दिन से जारी है.

इधर कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि इसकी क्या गारंटी है की वार्ता के बाद क्षेत्र के कोई भी लोग भविष्य में आंदोलन नहीं करेंगे. आज इनके पास वार्ता हो भी जाएगी तो आने वाले समय में फिर दूसरे लोग भी आंदोलन में आ जाएंगे. इसलिए मामला सरकार तक गया है सरकार जो निर्णय करेगी उसी के आधार पर काम किया जाएगा.

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