जामताड़ा: 1932 के खतियान को लागू करने, सरना धर्म कोड को लागू करने और संथाली भाषा को राजभाषा का दर्जा दिए जाने आदि मांगों को लेकर जिले में आदिवासी सेगल अभियान के बैनर तले समर्थकों ने रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया और पुतला दहन किया. आदिवासी सेंगेल अभियान के कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विजय हांसदा, नलिन सोरेन, बाबूलाल मरांडी का पुतला जलाकर विरोध प्रदर्शन किया.
आदिवासी सेंगेल अभियान के कार्यकर्ताओं की रैली ये भी पढ़ें-दुमका उपचुनाव: झंडा लगाने को लेकर बीजेपी और जेएमएम कार्यकर्ताओं में झड़प, दोनों पार्टी के एक-एक सदस्य घायल
आदिवासी सेंगेल अभियान के कार्यकर्ता सिकंदर हांसदा सरना धर्म कोड को लागू करने 1932 खतियान को लागू करने और संथाली भाषा को राजभाषा का दर्जा दिए जाने की मांग सरकार से की है. साथ ही असम में 800,00,00 आदिवासी को एसटी का दर्जा दिए जाने की भी मांग की.
आदिवासी सेंगेल अभियान आदिवासियों का एक संगठन है, जो आदिवासी के विभिन्न मांगों को लेकर लगातार आंदोलन सड़क पर कर रहा है. आदिवासी सेंगेल अभियान के कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती है उनका यह आंदोलन क्रमबद्ध चलता रहेगा.