झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / briefs

इस महिला को सरकार से नहीं मिली मदद, पड़ोसी के सहारे चल रही जिंदगी - धनबाद उपायुक्त

बेबस और लाचार लोगों के लिए सरकारी योजनाएं शुरू तो होती है, लेकिन उनलोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पाता. धनबाद के ग्यारकुंड प्रखंड के छाताडंगाल इलाके में भी एक ऐसी ही महिला है, जिसे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा. ऐसे में सवाल उठता है आखिर सरकारी योजना किस काम की जो जरूरतमंदों की जरूरत पूरा न कर सके.

देखिए स्पेशल स्टोरी

By

Published : Mar 18, 2019, 5:05 PM IST

धनबाद: बेबस और लाचार लोगों के लिए सरकारी योजनाएं शुरू तो होती है, लेकिन उनलोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पाता. जिले के ग्यारकुंड प्रखंड के छाताडंगाल इलाके में भी एक ऐसी ही महिला है, जिसे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा. ऐसे में सवाल उठता है आखिर सरकारी योजना किस काम की जो जरूरतमंदों की जरूरत पूरा न कर सके.

देखिए स्पेशल स्टोरी


बता दें कि मुनेश्वरी देवी की कहानी लगभग साल भर पहले ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाई थी. जिसके बाद जिले के उपायुक्त ऐ दोड्डे ने भी खुद इस मामले को संज्ञान में लिया था और तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ मुनेश्वरी देवी को दिलाने का आश्वासन भी उपायुक्त ने दिया था, लेकिन उसके बाद कुछ महीने 20 से 25 किलो तक चावल दिया गया. बाद में फिर वह भी बंद हो गई. अभी महीने में केवल 5 किलो चावल ही मुनेश्वरी को दिया जाता है. कुछ दिनों से इनका वृद्धा पेंशन भी रूका हुआ है.


पड़ोसी कर रहा मदद
इसी इलाके के रहने वाले बलराम अग्रवाल जो असम में रहकर अपना व्यवसाय चलाते हैं. जब उन्होंने साल भर पहले ईटीवी भारत में खबर को देखा तो उसके बाद से ही उन्होंने मुनेश्वरी देवी के लिए असम से पैसे भेज कर इनके लिए खाने का इंतजाम कर दिया. हर महीने वह वहां से कुछ पैसे अपने पिता सुरेश अग्रवाल को भेजते हैं और उनके पिता सुरेश अग्रवाल जीवन-यापन की सारी चीजें इस मुनेश्वरी देवी को मुहैया करवाते हैं. मुनेश्वरी देवी दिल से इन्हें आशीर्वाद भी देती है.


रहने के लिए घर नहीं
खाने-पीने का इंतजाम तो किसी प्रकार इस लाचार बूढ़ी औरत का हो ही जाता है. सबसे बड़ी समस्या इनके लिए रहने की होती है. बरसात के दिनों में यह एक प्लास्टिक ओढ़कर एक कोने में बैठ कर पानी से बचने का प्रयास करती हैं. क्योंकि इनका घर इस तरह टूटा-फूटा हुआ है कि बरसात का सारा पानी उनके घर में घुस जाता है. आस पड़ोस के लोग कहते हैं कि बरसात के दिनों में उनके यहां जाकर मुनेश्वरी देवी सोती है.


मुखिया ने भी नहीं की सहायता
उज्ज्वला योजना के तहत गैस भी इन्हें नहीं दिया गया है. मुखिया की दलील है कि गैस देने से यह महिला जलकर मर जाएगी. मुखिया के पास जाने पर इस महिला को मुखिया पति कटाक्ष करते हुए मीडिया वालों के पास जाने की सलाह देते हैं और कहते हैं कि टीवी वाले के पास जाओ तो तुमको सब मिल जाएगा. ऐसा खुद मुनेश्वरी कहती है.


वार्ड मेंबर भी है लाचार
पंचमोहली पंचायत के इस वार्ड नंबर-6 की वार्ड मेंबर बेलवंती देवी का कहना है कि मुखिया से इस महिला के बारे में कहने पर मुखिया से झगड़ा हो जाता है. मुखिया इस महिला की कोई भी बात सुनना पसंद नहीं करती. मुखिया पति उन्हें धक्का देकर अपने घर से भी निकाल देते हैं. इस महिला को लेकर बेलवंती देवी उपायुक्त से लेकर BDO ऑफिस तक का कई बार चक्कर लगा चुकी है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है.


जल्द बनेगा मुनेश्वरी का घर
वहीं, जब इस पूरे मामले में मुखिया से उनका पक्ष जानने के लिए ईटीवी भारत के संवाददाता मुखिया के घर पहुंचे तो मुखिया के घर पर रहने के बाद भी महिला मुखिया नहीं निकली. मुखिया प्रतिनिधि और उनके पति नगेन राय घर से बाहर निकले और उन्होंने बताया कि लगभग सात-आठ महीने पहले भीमराव अंबेडकर आवास योजना के तहत इस महिला को आवास देने के लिए फॉर्म भरा गया है, लेकिन कुछ टेक्निकल फॉल्ट होने के कारण पैसा नहीं आ पाया है.सवाल यह उठता है कि आखिर सरकारी योजना किनके लिए है जब इन जरूरतमंदों को ही सरकारी योजनाओं का लाभ ना मिल सके.

ABOUT THE AUTHOR

...view details