पाकुड़: खेती करने से नुकसान होता है इस मिथक को जिला मुख्यालय के कई लोगों ने तोड़ दिया है. लोगों ने मशरूम की खेती कर इसे आय का जरिया बनाया है. मशरूम की न केवल खेती की जा रही है बल्कि उसे शहरी क्षेत्र में बेचकर अच्छे पैसों की कमाई की जा रही है. अपनी स्थिति सुधारने के साथ-साथ ये लोग अन्य लोगों के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं.
मशरूम की खेती से किसान बदल रहे अपनी किस्मत, पेश कर रहे मिसाल - ईटीवी भारत
पाकुड़ में शहर के लोग मशरूम की खेती कर अच्छी आय कमा रहे हैं. खेती में ये लोग रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद का उपयोग कर रहे हैं.
अमित पांडेय का कहना है कि कम पूंजी लगाकर भी अच्छी आय हो सकती है. इनका मकसद खेती कर अच्छी कमाई करना ही नहीं है बल्कि रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद का इस्तेमाल करना भी है. उन्होंने बताया कि रासायनिक तरीके से खेती किए जाने के कारण साग-सब्जियों का सेवन करने वाले लोग कई बिमारियों के भी शिकार हो रहे हैं.
शहर के सुवेंदु मंडल भी वेस्ट्रन मशरूम की खेती अपने ही घर में कर रहे हैं. मशरूम की खेती करने में जुटे इन लोगों को शहर में मार्केटिंग करने में भी कोई दिक्कत नहीं हो रही है. मशरूम की खेती कर रहे लोगों ने बताया कि इस कारोबार में न तो ज्यादा स्पेस की जरूरत होती है और ही पूंजी की.