जामताड़ा: जिले के दिव्यांग आदिवासी प्रमोद कुमार टुडू बेहतरीन डांसर हैं. उन्होंने अपनी लगन और हिम्मत से लाचार पैरों को तो साध लिया लेकिन गरीबी अब भी रास्ता रोके खड़ी है. एक पैर से दिव्यांग होने के बाद भी प्रमोद राज्य में ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं. अब उनकी दिली इच्छा है कि विदेश जा कर झारखंड और देश का नाम रोशन कर सकें.
दिव्यांग प्रमोद कुमार टुडू का हौसला इतना बुलंद है कि लाचार होने के बाद भी अपने डांस की प्रतिभा के हुनर से आगे बढ़ने की चाहत रखते हैं। वे अपने गांव, झारखंड और देश का नाम रोशन करना चाहते हैं. विदेश जाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाना चाहते हैं और इसके लिए सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
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गोल्ड मेडलिस्ट हैं प्रमोद कुमार टुडू
प्रमोद कुमार टुडू राज्य स्तरीय आयोजित डांस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल और जम्मू में आयोजित राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित डांस प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल हासिल कर चुके हैं. राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित इस प्रतियोगिता में प्रमोद को इंडोनेशिया में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय डांस प्रतियोगिता के लिए चयन किया गया है.
इंडोनेशिया जाने के लिए चाहिए मदद
प्रमोद कुमार टुडू की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. इंडोनेशिया जाने के लिए प्रमोद सरकार से सहयोग की गुहार लगा रहे हैं. उन्हें आर्थिक मदद की जरूरत है ताकि वे इंडोनेशिया में होने वाले डांस प्रतियोगिता में शामिल हो सकें.
मजदूर पिता बेबस
प्रमोद एक आदिवासी परिवार से आते हैं और उनके पिता मजदूरी करते हैं. किसी तरह वह अपनी पढ़ाई इंटर तक पूरी कर चुके है और आगे भी पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं.
दिव्यांग आदिवासी प्रमोद कुमार टुडू
प्रमोद का बुलंद हौसला
प्रमोद के दिव्यांग होने के बावजूद डांस का शौक रखना और इस शौक को पूरी तन्मयता के साथ पूरा करना काफी सराहनीय है. उम्मीद है कि सरकार और प्रशासन इस दिव्यांग की मदद करेगी और प्रमोद को इंडोनेशिया में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय डांस प्रतियोगिता में अपना हुनर दिखाने का मौका मिलेगा.