रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा की केंद्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने आलाकमान से 81 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा जताई है. ऐसे में महागठबंधन पर संकट के बादल छाए नजर आ रहे हैं, क्योंकि कार्यकर्ताओं का यह भी मानना है कि लोकसभा चुनाव में सहयोगी दलों से जो सहयोग की उम्मीद की गई थी, वह नहीं मिला. जिसका नतीजा लोकसभा में हार के रूप के सामने आया है.
JMM के कार्यकर्ताओं द्वारा 81 सीटों पर विधानसभा चुनाव में लड़ने की इच्छा को लेकर प्रदेश की कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि महागठबंधन के सभी घटक दलों की अपनी-अपनी भावना है. ऐसे में लोकसभा चुनाव में अपेक्षित सहयोग न मिलने के आरोप-प्रत्यारोप से बचते हुए और संयम बरतते हुए चुनाव की तैयारी में लगना चाहिए, क्योंकि समय कम बचा है.
ऐसे में प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर ने सोमवार को जेएमएम के बयान को लेकर कहा है कि सभी दल चुनाव अकेले लड़ना चाहते हैं या महागठबंधन के साथ, ये महागठबंधन के सभी घटक दलों की अपनी सोच है, लेकिन लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने की जगह चुनाव की तैयारी में लगना ही सही होगा. क्योंकि विधानसभा चुनाव में बहुत कम समय बचे हैं.
राजेश ठाकुर, प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी
उन्होंने कहा कि लोकसभा में हार के बाद कांग्रेस के भी तमाम उम्मीदवारों ने जाहिर किया है कि उन्हें घटक दलों का सहयोग पूरी तरह नहीं मिला है. ऐसे में महागठबंधन के घटक दलों के अपनी-अपनी इच्छा है कि वह चुनाव किस तरह से लड़ना चाहते हैं. हालांकि महागठबंधन की बैठक में सभी अपनी भावनाओं को रखेंगे और चर्चा की जाएगी कि महागठबंधन को किस तरह से बनाए रखा जाए और कमियों को दूर करते हुए चुनाव लड़ा जाए.