हजारीबाग: देशभर में कोल ब्लॉक की नीलामी को लेकर 8 लाख से अधिक कोल मजदूर हड़ताल पर चले गए हैं. विभिन्न ट्रेड यूनियन का भी इन्हें समर्थन प्राप्त है. यूनियन के नेताओं ने कोयला मजदूरों से आवाह्नन किया है कि हड़ताल को सफल बनाने के लिए एकजुटता का परिचय दें. ऐसे में हजारीबाग के चरही स्थित सीसीएल के तापीन कोल माइंस में भी हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है.
हड़ताल के चलते कॉल उत्खनन में व्यापक असर देखने को मिल रहा है. हजारीबाग के चरही ही स्थित तापीन कोल माइंस में भी कॉल उत्खनन नहीं हुआ, जहां दिनभर कोयला की गाड़ी दिखती थी, वहां गुरुवार को एक भी गाड़ी नहीं दिखी और पूरे परिसर में सन्नाटा पसरा रहा.
कोल उद्योग से जुड़े भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री ने इस हड़ताल को सफल बताया है. उन्होंने कहा कि संयुक्त मोर्चा ने पूरे कोल इंडिया में 5 सूत्री मांग को लेकर हड़ताल की है. केंद्र सरकार ने कोल ब्लॉक को कमशिर्यल करने का फैसला ले लिया है और 18 जून को थी नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दिया है. यह फैसला मजदूर विरोधी है और इससे कोल इंडिया को बुरा असर पड़ने वाला है. उनका कहना है कि हजारीबाग में बरसात के दिनों में भी 5000 टन प्रतिदिन कोयला का उत्पादन होता था और अब 3 दिनों तक एक इंच भी कोयला खदान से नहीं निकलेगा, जिसका व्यापक असर देखने को मिलेगा.