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नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में एएसआई सस्पेंड, आरोप सिद्ध होने पर होंगे बर्खास्त

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Published : Sep 22, 2020, 10:16 PM IST

रांची के ओल्ड पुलिस लाइन स्थित गेस्ट हाउस में नाबालिग से दुष्कर्म मामले में आरोपी एएसआई राजकुमार शर्मा को एसएसपी ने सस्पेंड कर दिया है. अगर एएसआई पर लगे आरोप की पुष्टि हो जाती है तो उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा.

SSP suspended ASI in molestation case with minor
दुष्कर्म मामले में एसएसपी ने एएसआई को सस्पेंड किया

रांचीः जिले के ओल्ड पुलिस लाइन स्थित गेस्ट हाउस में 14 वर्ष की नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में फंसे एएसआई राजकुमार शर्मा को रांची एसएसपी सुरेंद्र झा ने निलंबित कर दिया है. वहीं, अगर एएसआई पर लगे हुए आरोप की पुष्टि कोर्ट में हो जाती है, तो विभागीय प्रक्रिया के अनुसार उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा.

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कौन है एएसआई शर्मा

राजकुमार शर्मा सीसीआर में पोस्टेड था. सोमवार को लोअर बाजार थाने की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. आरोपी एसएसआई ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. शर्मा ने बताया कि घटना में वह शामिल था. सबसे पहले पीड़िता को आरोपी एएसआई ने ही शिकार बनाया था. उसने पीड़िता को बताया था कि रांची के एक प्रतिष्ठित होटल में उसका बीयर बार चलता है और वह पीसीआर में भी तैनात है.

एएसआई के जाने के बाद नाबालिग पीड़िता के इंस्टाग्राम फ्रेंड विपुल ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. विपुल ने पूरी रात पुलिस गेस्ट हाउस में दुष्कर्म किया था. इसके बाद सुबह ओला कैब बुक करके पलामू के डाल्टनगंज भेज दिया था, जहां पीड़िता अपने परिचित दोस्त करण के यहां रुकी थी. इस घटना में शामिल विपुल और करण को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. बाद में पीड़िता का बयान सामने आने के बाद मामले में हलचल हुई और एसआई राजकुमार शर्मा पकड़ा गया. चर्चा में है कि आरोपियों ने घटना को अंजाम देने के दौरान पीड़िता को पूरी रात शराब भी पिलाई थी, हालांकि किसी भी पुलिस अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है.

पीड़ित के पिता ने दर्ज कराई थी अपहरण की FIR

पीड़ित के पिता के अनुसार नाबालिग बीते 12 अगस्त को ट्यूशन जाने के नाम पर घर से निकली थी. इसके बाद आरोपियों के बहकावे में आकर ट्रैप हो गई थी और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था. घटना को लेकर 13 अगस्त को नाबालिग की पिता की शिकायत पर अपहरण का केस लोअर बाजार थाना में दर्ज कराया गया था. नाबालिग को बरामद करने के बाद सीडब्ल्यूसी के समक्ष 18 अगस्त को बयान दर्ज कराया गया था. उसी बयान में यह बात सामने आई थी कि नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई है.

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नाबालिग ने बताया था कि वह अपने इंस्टाग्राम दोस्त से मिलने के लिए पुरानी पुलिस लाइन के पास पहुंची थी. इस दौरान उसका दोस्त शर्मा से मिला था. शर्मा ने 500 रुपये देकर विपुल को खाना लाने भेज दिया था. इसके बाद शर्मा ने सबसे पहले नाबालिक के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. वापस आने पर विपुल ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया था. इसके बाद ओला कैब से डाल्टनगंज भेज दिया था जहां नाबालिग अपने परिचित करण के घर में रुक गई थी. पुलिस ने वहीं से नाबालिग को बरामद किया था.

पीड़ित के दुष्कर्म के मामले को पुलिस ने छुपाया

पीड़ित का अपहरण और उसके साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना को पुलिस के स्तर पर पूरी तरह छुपाने की कोशिश की गई. इस मामले में सही ढंग से न्याय नहीं मिलने से पीड़ित के परिजन न्याय के लिए भटक रहे थे. इस कड़ी में सीडब्ल्यूसी के सामने बयान आने के बाद मामले ने तूल पकड़ा और मामला राज्यपाल से लेकर डीजीपी स्तर तक संज्ञान में आया. चूंकि इस मामले को पुलिस स्तर पर अपहरण का मामला बनाकर दबाने की भरपूर कोशिश की गई. अब तक एफआईआर में यह मामला अपहरण का ही दर्ज है. हालांकि, पीड़ित का चौंकाने वाले बयान के सामने आने के बाद इस मामले में सामूहिक दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट की धाराएं जोड़े जाने की प्रक्रिया चल रही है. पुलिस के वरीय अधिकारियों को भी इस संबंध में निर्देश दिया जा चुका है. बता दें कि पीड़िता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के चालक की बेटी है.

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