रांची: झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने मनरेगा के तहत संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए शुक्रवार को अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की, जिसके बाद उन्होंने जानकारी दी कि धनरोपणी के बाद एक बार फिर से मनरेगा योजना में रिकॉर्ड मजदूर कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि अलग झारखंड सरकार में 20 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब जून से लेकर सितंबर के बीच मिट्टी का काम बंद रहता है. ऐसे समय में भी मनरेगा की विभिन्न योजनाओं में अभी 6.35 लाख श्रमिक कामगार हैं.
ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमणकाल के दौरान लाखों प्रवासी श्रमिक अपने घर वापस लौट आये हैं. इन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार की ओर से तीन नई योजना शहीद पोटो खेल योजना, जल समृद्धि योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना की शुरुआत की गई. इन योजनाओं के माध्यम से लगातार प्रतिदिन 6 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिल पा रहा है, जबकि पिछली सरकार में आम दिनों में भी मुश्किल से प्रतिदिन दो से ढाई कार्यदिवस का सृजन हो जाता था.
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को साग-सब्जी उत्पादन में बढ़ावा देने के लिए पोषण वाटिका योजना की शुरू की गई है. वहीं मनरेगा के माध्यम से आगामी दिसंबर महीने तक प्रतिदिन करीब 10 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की योजना बनायी गई है. इसको लेकर अधिकारियों को तैयारी करने का निर्देश दिया गया है.
मनरेगा योजना में लाखों मजदूरों को प्रतिदिन मिल रहा रोजगारः आलमगीर आलम
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने मनरेगा के तहत संचालित योजनाओं को लेकर एक समीक्षा बैठक की. इस बैठक में उन्होंने कहा कि धनरोपणी के बाद एक बार फिर से मनरेगा योजना में रिकॉर्ड मजदूर कार्यरत है और 20 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है.
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वहीं, ग्रामीण विकास मंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक के बाद पार्टी नेताओं के साथ भी बैठक की. उन्होंने पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे राज्य सरकार की योजना को जन-जन तक ले जाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार अभियान चलाएं. इस बैठक में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, डा. राजेश गुप्ता छोटू और शशिभूषण राय भी उपस्थित थे.