हजारीबाग: बड़कागांव प्रखंड के चौपदार बलिया के एक ईंट भट्ठा में छत्तीसगढ़ बिलासपुर के 52 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया गया. बंधुआ मजदूरों का कहना है कि उनलोगों को छत्तीसगढ़ से रांची शहर के आसपास ईट भट्ठा में काम करने की बात कह कर लाया गया था, लेकिन इस सुदूरवर्ती जंगल के ईंट भट्ठों में दुर्गापूजा के समय से बंधक बनाकर रखा गया है.
ग्रामीणों के सहयोग से छत्तीसगढ़ के 52 मजदूर मुक्त, 6 महीने से ईंट भट्ठा में थे बंधक
हजारीबाग के बड़कागांव प्रखंड के चौपदार बलिया में ईंट भट्ठा से छत्तीसगढ़ के 52 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया गया. बंधुआ मजदूरों का कहना है कि उनलोगों को छत्तीसगढ़ से रांची शहर के आसपास ईट भट्ठा में काम करने की बात कह कर लाया गया था, लेकिन इस सुदूरवर्ती जंगल के ईंट भट्ठों में 6 महीना से बंधक बनाकर रखा गया है.
ईंट बनाने के एवज में मजदूरी तो दूर महिलाओं के साथ भी अभद्र व्यवहार भट्ठा मालिकों द्वारा की जाती है. भट्ठा मालिक बड़कागांव थाना क्षेत्र के चौपदार बलिया गांव के मो. नवाज, पप्पू और मो. सजली का नाम मजदूरों ने बताया है. जो ठीक ढंग से मजदूरी तो क्या इन लोगों को खाने पीने के लिए खर्च भी नहीं देता था.
थक हार कर सभी मजदूरों ने पास के गांव खराटी काली मंदिर के प्रांगण में जाकर सरण लिया और ग्रामीणों के सहयोग से छत्तीसगढ़ भेजा गया. इस संबंध में बड़कागांव प्रखंड के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी से पूछे जाने पर बताया कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं है.