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धर्म बदलने पर 5 परिवारों को समाज ने किया अलग, राशन-पानी पर भी लगाई रोक

लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड अंतर्गत बनहरदी गांव के तेतर टोला के रहनेवाले मोतीलाल उरांव, लुक्का उरांव, बनारसी उरांव, मारवाड़ी उरांव और राजेश लोहरा का परिवार सरना धर्म को छोड़कर ईसाई धर्म को अपना लिया. इससे गांव में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. इसी बीच गांव में संपन्न हुए सरहुल के बाद पांचों परिवार ने आरोप लगाया कि गांव के अन्य लोगों ने बैठक कर उन्हें समाज से बहिष्कृत कर दिया है.

जानकारी देते पीड़ित

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Published : May 14, 2019, 9:02 PM IST

लातेहार: भले ही सभी धर्मों का मूलतंत्र आपसी सद्भावना हो, लेकिन धर्म की रक्षा का दंभ भरने वाले लोग धर्म का मूलमंत्र को ही भूल जाते हैं. ऐसा ही एक मामला लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड अंतर्गत बनहरदी गांव के तेतर टोला में देखने को मिल रहा है. इस गांव में धर्म बदलने वाले 5 परिवारों को समाज से अलग-थलग कर दिया गया है.

जानकारी देते पीड़ित


दरअसल, तेतर टोला के रहने वाले मोतीलाल उरांव, लुक्का उरांव, बनारसी उरांव, मारवाड़ी उरांव और राजेश लोहरा का परिवार सरना धर्म को छोड़कर ईसाई धर्म को अपना लिया. इससे गांव में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. इसी बीच गांव में संपन्न हुए सरहुल के बाद पांचों परिवार ने आरोप लगाया कि गांव के अन्य लोगों ने बैठक कर उन्हें समाज से बहिष्कृत कर दिया है. उन्हें कुआं से पानी लेने और राशन लेने पर भी रोक लगा दी गई है.


भुक्तभोगी सुनीता देवी ने बताया कि जबसे वे लोग ईसाई बने हैं तब से उन्हें गांव के अन्य ग्रामीण परेशान कर रहे हैं. वहीं, भुक्तभोगी शांति ने बताया कि ग्रामीणों ने उन्हें चापाकल और कुआं से पानी लेने पर भी रोक लगा दी है. हालांकि, प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद राशन और पानी पर प्रतिबंध हटा लिया गया है, लेकिन सभी ग्रामीणों को यह हिदायत दी गई है कि जो भी ग्रामीण धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों से बात करेगा या उनसे संबंध रखेगा उस पर आर्थिक जुर्माना लगाया जाएगा.


हालांकि, भुक्तभोगी परिवारों के आरोप को अन्य ग्रामीण पूरी तरह निराधार बता रहे हैं. ग्रामीण महिला संतोषी देवी ने कहा कि जिन लोगों ने धर्म बदल रखा है. वह अन्य लोगों को भी धर्म बदलने के लिए बरगलाते हैं. मना करने पर गाली-गलौज करते हैं और गांव को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं, ग्राम प्रधान बालेश्वर उरांव ने कहा कि सरहुल के दिन बिना पूजा-पाठ के कुआं से पानी लेना प्रतिबंधित होता है, लेकिन जिन लोगों ने धर्म बदला है वह हमारी परंपरा का भी अपमान कर रहे थे. इसीलिए सरहुल के दिन पानी लेने से रोका गया था. इस पूरे मामले में डीएसपी वीरेंद्र कुमार राम ने बताया कि मामले को लेकर ग्रामीणों के साथ बैठक की गई और ग्रामीणों के विवाद को खत्म करवा दिया गया है.

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