हादसे ने बदल दी जिंदगी! चीड़ की पत्तियों से राखी बनाकर सुदर्शना दे रही हैं वोकल फॉर लोकल का संदेश
धर्मशाला: कहते हैं जहां चाह वहां राह है. इसे शाहपुर विधान सभा के रैत की रहने वाली सुदर्शना देवी ने सच साबित कर दिखाया है. दरअसल, बचपन में घटी एक घटना में सुदर्शना का हाथ जल गया था. इसके बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और कुछ अलग करने की ठानी. अब वे चीड़ की पत्तियों से कारीगरी करती हैं. रक्षा बंधन के लिए वे आजकल राखियां बनाई हैं, लोग काफी पसंद भी कर रहे हैं.