कसौली/सोलन: प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय (Governor Bandaru Dattatreya)ने शनिवार को केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (central research institute)(सीआरआई) का दौरा किया. राज्यपाल का कसौली में यह पहला दौरा था. इस संस्थान ने कोरोना महामारी के दौरान अच्छा काम को लेकर उन्होंने संतोष व्यक्त किया. राज्यपाल ने अधिक शोध कार्य करने पर जोर देते हुए कहा कि सरकारें अनुसंधान कार्यों पर अधिक खर्च कर रही हैं.अनुसंधान परियोजनाओं के लिए अधिक बजट प्रदान किया जा रहा है. भारत बायोटेक(Bharat Biotech) और सीरम इंस्टीट्यूट(Serum Institute) जैसे संस्थानों को कोविड वैक्सीन तैयार करने का श्रेय दिया गया, जिससे देश का मान बढ़ा.
सीआरआई प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान
राज्यपाल ने कहा कि सीआरआई एक प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान है. जिसका 116 वर्षों से अधिक लंबा इतिहास है और संस्थान ने महामारी और सूक्ष्म जीव विज्ञान से संबंधित वैक्सीन पर अनुसंधान के लिए अद्वितीय कार्य किया.यह संस्थान सरकार के सार्वभौमिक टीकाकरण(universal vaccination) कार्यक्रम विशेष रूप से डीपीटी और टीटी टीकों के आपूर्तिकर्ताओं में एक है. यह संस्थान सांप के काटने, रेबीज(rabies) और डिप्थीरिया के लिए विभिन्न जीवनरक्षक उपचारों के निर्माण और आपूर्ति में भी शामिल है. उन्होंने कहा कि शोध कार्य बहुत महत्वपूर्ण है और इसे प्रयोगशाला से बाहर तक पहुंचना चाहिए. राज्यपाल ने सीआरआई के सीजीएमपी में डीपीटी वैक्सीन उत्पादन इकाई का दौरा भी किया.
पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया
सीआरआई के निदेशक डॉ. अजय कुमार तलहन ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन(power point presentation) दिया और संस्थान की गतिविधियों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि संस्थान में आईसीएमआर अनुमोदित कोविड परीक्षण प्रयोगशाला वर्ष 2020 में स्थापित की गई थी. इसी वर्ष आईसीएमआर-एनआईवी पुणे के सहयोग से चिकित्सीय कोविड एंटीसेरा परीक्षण बैच तैयार किए गए थे. उन्होंने कहा कि संस्थान को 2021 में कोविड सैंपलिंग सेंटर (covid sampling center)के रूप में नामित किया गया. वर्ष 2017 में संस्थान को जीका वायरस संक्रमण के लिए निगरानी केंद्र के रूप में मान्यता दी गई थी. परीक्षण और विश्लेषण के उद्देश्य से टीडी वैक्सीन के मल्टी फ्रैक्चरिंग(multi fracturing) के लिए परीक्षण लाइसेंस दिया गया था.