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Etv Bharat Special: संकटकाल में 8500 किसानों के लिए संजीवनी बनी सोलन सब्जी मंडी, पिछले साल के मुकाबले 1 करोड़ का ज्यादा हुआ मटर का व्यापार

इस साल सूबे में मटर की बंपर पैदावार हुई है.सोलन की सब्जी मंडी में साल 2019 में 8.30 करोड़ मटर का कुल कारोबार हुआ था. वहीं, इस साल सब्जी मंडी में 9.50 करोड़ का मटर का कोरबार हो चुका है. कोरोना काल में मटर के कारोबार में करीब 1 करोड़ 20 लाख की बढ़ोतरी हुई है

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Published : May 8, 2020, 7:40 PM IST

Updated : May 12, 2020, 5:05 PM IST

सोलन: कोरोना महामारी से इस समय देश का हर राज्य जुझ रहा है. सारा आर्थिक जगत मंदी की मार झेल रहा है. ऐसे समय में सोलन जिला की सब्जी मंडी में मटर के कारोबार ने रफ्तार पकड़ी हुई है. बीते साल से इस बार कारोबार अधिक होने से किसानों ने राहत की सांस ली है.

वैसे तो सोलन जिला को मशरूम सीटी के नाम से जाना जाता है. यहां का मशरूम देश समेत विदेशों में भी लोकप्रिय है, लेकिन इस साल सूबे में मटर की बंपर पैदावार हुई है. फरवरी माह से शुरू होने वाले मटर के सीजन को इस बार कोरोना की नजर तो लगी, लेकिन बावजूद इसके फसल अच्छी होने से किसानों को ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ा.

स्पेशल रिपोर्ट

अकेले सोलन जिला में इस साल 42,000 क्विंटल मटर की पैदावार हुई. वहीं, साल 2019 में मटर की पैदावार 27,000 क्विंटल हुई थी. इस तरह से साल 2020 में 15,000 क्विंटल मटर की अधिक पैदावार हुई है. कोरोना महामारी के चलते किसानों को इस साल मटर के दाम कम मिले हैं. साल 2019 में किसानों को मटर का औसत दाम 28 रुपये प्रति किलो मिला था. वहीं, साल 2020 में किसानों को मटर का औसत दाम मात्र 23 रुपये प्रति किलो ही मिला.

सोलन की सब्जी मंडी में साल 2019 में 8.30 करोड़ मटर का कुल कारोबार हुआ था. वहीं, इस साल सब्जी मंडी में 9.50 करोड़ का मटर का कोरबार हो चुका है. कोरोना काल में मटर के कारोबार में करीब 1 करोड़ 20 लाख की बढ़ोतरी हुई है.

हालांकि इस साल किसानों को प्रति किलो पर 5 रुपये कम मिले हैं, लेकिन फसल समय-समय पर सब्जी मंडी पहुंचती रही, जिससे खेतों में खड़ी फसल खराब नहीं हो सकी. करीब 8500 किसानों को इसका लाभ मिला है.

पढ़ें: मटर की फसल पर कोरोना की मार! बंपर पैदावार के बाद भी किसान परेशान

बलदेव भंडारी हिमाचल एग्रीक्लचर मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन ने बताया कि इस साल बीते वर्ष से करीब 1 करोड़ 20 लाख रुपये अधिक कारोबार हुआ है. किसानों की मेहनत और प्रदेश सरकार के निर्देशों के बाद खेतों में तैयार फसल समय-समय पर सब्जी मंडी पहुंचती रही.

लॉकडाउन की अवधी को भांपते हुए प्रदेश सरकार ने रिलायंस और बिग बास्केट जैसी बड़ी कंपनियों के साथ प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर कलेक्शन सेंटर खोलने का करार किया है, जिससे किसानों को उनके फसलों के अच्छे दाम मिल सकेंगे.

हिमाचल में नामी कंपनियों के कलेक्शन सेंटर खुलना कोरोना काल में किसानों और प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है. इससे किसानों की जहां चिंता कम होगी. वहीं, किसानों को घर द्वार उत्पादन के अच्छे दाम मिल सकेंगे, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर आने में मदद मिलेगी.

Last Updated : May 12, 2020, 5:05 PM IST

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