नाहन: पंचायत के विकास कार्यों में अनियमितताओं को लेकर मात्तर पंचायत की प्रधान मनीषा शर्मा को पद से सस्पेंड कर दिया है. डीसी सिरमौर ने हिमाचल प्रदेश पंचायतीराज अधिनियम 1994 की धारा 145 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए ये आदेश जारी किए. साथ ही पंचायत सचिव मानो देवी व तकनीकी सहायक कर्मचंद के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री सेवा संकल्प योजना में मातर पंचायत के नलका निवासी रामनिवास पुत्र चतर सिंह और देवेंद्र दत्त पुत्र दया किशन ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि मातर पंचायत प्रधान द्वारा पंचायत में किए गए कार्यों में भारी अनियमितताएं बरती जा रही हैं, जिस पर मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा कड़ा संज्ञान लेकर डीसी सिरमौर को इस मामले में जांच के निर्देश दिए थे.
अनियमितताओं के बारे में पंचायत प्रधान को 16 जनवरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. मात्तर पंचायत प्रधान ने पंचायत के कुओं की मरम्मत संबंधी कार्य में भारी अनियमितताएं बरतीं। पंचायत में मनरेगा से कराए गए वायरक्रेट के कार्य में बिना कोटेशन व बिना टेंडर के ही 2.37 लाख की सामग्री का बिल पास कर दिया गया. इस मामले में पंचायत प्रधान, पंचायत सचिव व तकनीकी सहायक को भी दोषी पाया गया.