नाहन: धारटीधार क्षेत्र के गांव थाना कसोगा की महिलाएं आज पुरुषों के लिए प्रेरणा बनी हुई हैं. दरअसल जिला के इस क्षेत्र में पानी का काफी संकट रहता है. इस पूरे इलाके में गर्मियों के मौसम में लोगों के लिए पेयजल संकट उत्पन्न हो जाता है. यहां पर वर्षों पहले कई बावड़ियां थीं, जो कि देखरेख के अभाव में खत्म हो चली थीं. इसे देखते हुए स्थानीय महिलाओं ने मिलकर एक महिला मंडल बनाया. 11 सदस्यीय समूह ने प्राचीन बावड़ियों को जीवित करने का संकल्प लिया. धीरे-धीरे सभी महिलाओं ने इनकी सफाई शुरू कर दी और देखते ही देखते ये साफ व निर्मल हो गई.
महिला शक्ति को सलाम, बंद हो चुकी बावड़ियों की सफाई कर बना दिया पीने योग्य
महिलाओं ने फैसला लिया है कि हर महीने इस क्षेत्र की बावड़ियों की सफाई की जाएगी और यह क्रम अब भी जारी है. समूह की महिलाओं के अनुसार आज इन बावड़ियों से जहां यहां रहने वालों को पेयजल मिल रहा है, वहीं दूसरी और जंगल में चरने वाले पशु भी इसका लाभ उठा रहे हैं. बावड़ी साफ होने के बाद स्थानीय लोग इन बावड़ियों का उपयोग समय-समय पर सिंचाई में भी कर रहे हैं.
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वहीं महिलाओं के इस कार्य की पुरुष भी प्रशंसा कर रहे हैं. पंचायत के पूर्व प्रधान वीरेंद्र ने बताया कि इन महिलाओं ने आज सारे क्षेत्र में एक मिसाल पेश की है और यह बता दिया है कि महिला शक्ति अगर चाहे तो कोई भी काम असंभव नहीं हो सकता है. उन्होंने बताया कि समूह की महिलाओं के कार्य से अब जल संकट खत्म हो चुका है और सभी महिलाएं मिलजुल कर बावड़ियों की देखरेख करती हैं.
गौर रहे कि धारटीधार क्षेत्र सिरमौर का ऐसा इलाका है जहां गर्मियों में सिंचाई व पेयजल संकट होता है, लेकिन महिला मंडल की इन महिलाओं ने सभी को एक मार्ग दिखाया है, जो कि अनुकरणीय बनता जा रहा है.