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सौर उर्जा से कम होगा कार्बन उत्सर्जन, कलगीधर सोसाइटी ने प्रकाशित की केस स्टडी

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा प्रायोजित ऊर्जा और संसाधन संस्थान (TERI ENVIS) ने कलगीधर सोसायटी बडू साहिब की पहल 'ग्रामीण संस्थानों में सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना' पर एक केस स्टडी प्रकाशित की है. यह केस स्टडी 'कॉम्पेंडियम ऑफ रिन्यूएबल एनर्जी एंड क्लाइमेट चेंज केस स्टडीज इन इंडिया- वॉल्यूम 5' में प्रकाशित हुई है.

Saving electricity from solar energy, 'Largest solar energy project in rural institutions'
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Published : Mar 26, 2021, 3:12 PM IST

राजगढ़ :कलगीधर सोसायटी बडू साहिब की ग्रामीण संस्थानों में सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना. TERI ENVIS द्वारा एक केस स्टडी. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा प्रायोजित TERI ENVIS ने कलगीधर सोसायटी बडू साहिब की पहल 'ग्रामीण संस्थानों में सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना' पर एक केस स्टडी की है.

ग्रामीण संस्थानों में सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना

यह केस स्टडी 'कॉम्पेंडियम ऑफ़ रिन्यूएबल एनर्जी एंड क्लाइमेट चेंज केस स्टडीज इन इंडिया - वॉल्यूम 5' में प्रकाशित हुई है. कलगीधर सोसाइटी के अध्यक्ष एवं संस्थापक 97-वर्षीय शिरोमणि पंथ रतन बाबा इकबाल सिंह जी, जिन्होंने हिमाचल कृषि विभाग के साथ अपने सम्पूर्ण कार्यकाल में प्रकृति के साथ काम किया है, उन्होनें बिजली के भारी बिलों को कम करने एवं ग्लोबल वार्मिंग (भूमंडलीय ऊष्मीकरण) के खिलाफ समानांतर लड़ाई के लिए सौर ऊर्जा और हरित विकल्प को अपनाने पर जोर दिया. उनकी दूरदर्शिता यह थी कि धरती माता को बचाने के लिए स्कूलों की खाली छतों का उपयोग, जितना संभव हो सके, सौर ऊर्जा के अधिकतम उत्पादन एवं कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए किया जाए.

सौर उर्जा से बिजली की भारी बचत

1.2 MWp परियोजना के लिए कुल 3750 सौर पैनल लगाए गए. इस परियोजना के तहत लगभग 1.3 लाख वर्ग फुट की छतों के क्षेत्र को सम्मिलित किया गया है. कलगीधर सोसाइटी में सोलर को अपनाने की शुरुआत एक दशक पहले हिमाचल प्रदेश के पहले स्टैंड-अलोन 200 kWp सोलर पावर प्लांट, 18,000 एलपीडी सोलर वाटर हीटिंग सिस्टम, लंगर के लिए कंसनट्रेटर थर्मल सोलर सिस्टम, जिसमें हर दिन 5500 लोगों के लिए खाना बनाया जाता था, एसपीवी स्ट्रीट लाइट, और हिमाचल में इटर्नल यूनिवर्सिटी में कई और सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट्स के साथ की गई थी. यह सौर लहर कई अकादमियों में फैल गई और कई सौर संयंत्र स्थापित किए गए. कलगीधर सोसाइटी के इन प्रयासों को नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा मान्यता और 2016 में भारत के ऊर्जा मंत्री से सौर पुरस्कार एवं सराहना प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया था.

सौर परियोजना ग्रामीण शिक्षा के उत्थान में करती मदद

इस सौर पीवी परियोजना से 25 वर्षों में 35,000 मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन कम होगा, जो 82,000 पेड़ लगाने के बराबर होगा. बिजली बिलों में वार्षिक बचत लगभग 1 करोड़ होने की उम्मीद है. यह सौर परियोजना ग्रामीण शिक्षा के उत्थान में मदद कर सकती है और ग्रामीण भारत के वंचित परिवारों में शिक्षा के दीप प्रज्वलित कर सकती है. संस्था का लक्ष्य अपने सभी 129 स्कूलों में सौर पैनलों को लगाना है ताकि चिरस्थायी और हरियाली के माहौल में शिक्षा दीपक को प्रज्वलित करने की दिशा में प्रयासों को बढ़ाया जा सके.

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