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आयुर्वेदिक डॉक्टरों को ऑपरेशन करने की छूट देने के फैसले का विरोध, सीएम को भेजा ज्ञापन

आयुर्वेद चिकित्सकों को एलोपैथिक दवाइयों के जरिए इलाज और अब ऑपरेशन की छूट देने के फैसले का विरोध शुरू हो गया है. पांवटा सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. संजीव सहगल की अगुवाई में डॉक्टरों ने एसडीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा गया.

एसडीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन
एसडीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन

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Published : Dec 9, 2020, 8:59 AM IST

पांवटा साहिब: आयुर्वेद चिकित्सकों को एलोपैथिक दवाइयों के जरिए इलाज और अब ऑपरेशन की छूट देने के फैसले का विरोध शुरू हो गया है. पांवटा सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. संजीव सहगल की अगुवाई में आयुर्वेदिक डॉक्टर द्वारा ऑपरेशन किए जाने को लेकर अपना विरोध एसडीएम कार्यालय में दर्ज किया गया. प्रदेश के मुखिया को एसडीएम के माध्यम से ज्ञापन भी भेजा और दूसरा ज्ञापन नेशनल काउंसिल ऑफ मेडिसिन को भेजा गया.

फैसले का विरोध

वरिष्ठ डॉक्टर संजीव सहगल ने जानकारी देते हुए बताया कि आयुर्वेदिक चिकित्सकों के खिलाफ नहीं है लेकिन एक एलोपैथिक डॉक्टर को 5 साल एमबीबीएस में लगते हैं. 3 साल स्पेशलिटी और 1 साल रेजिडेंसी के तौर पर काम करना पड़ता है. उसके बाद छोटे-मोटे ऑपरेशन करने की अनुमति दी जाती है.

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आयुर्वेदिक डॉक्टर्स को ऑपरेशन करने की छूट देने का फैसला गलत

संजीव सहगल ने बताया कि नेशनल काउंसिल ऑफ मेडिसिन द्वारा आयुर्वेदिक डॉक्टर्स को ऑपरेशन करने की छूट देने का फैसला लिया गया है, जबकि आयुर्वेदिक डॉक्टर को केवल 2 साल की ही ट्रेनिंग दी जाती है. यह बेहद कम समय है. आईएमए इस तरह से दी जाने वाली छूट का विरोध करती है.

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