नाहन:हरियाणा के नारायणगढ़ में प्रस्तावित फील्ड फायरिंग रेंज की समस्या को लेकर हिमाचल की सीमा में स्थित पालियों पंचायत का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल से मिला. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष सहित डॉक्टर आरके पूर्ति के समक्ष ग्रामीणों ने फील्ड फायरिंग रेंज को लेकर उचित कदम उठाने की मांग की है.
बता दें कि इस फील्ड फायरिंग रेंज की जद में हिमाचल की सीमा में स्थित कई पंचायतें आ रही है. नारायणगढ़ में प्रस्तावित फील्ड फायरिंग रेंज में सेना द्वारा युद्ध अभ्यास एवं खुले में गोला और और तोप चलाने जैसी गतिविधियां होंगी. जिला सिरमौर प्रशासन ने भी हिमाचल की सीमा में आने वाली पंचायतों से 3 फरवरी से पहले आपत्तियां दर्ज करवाने को कहा है.
फील्ड फायरिंग रेंज की समस्या को लेकर विस अध्यक्ष से मिलते ग्रामीण. इसी फील्ड फायरिंग रेंज को लेकर पालियों पंचायत के ग्रामीणों ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अपनी समस्या रखी. ग्रामीणों ने कहा कि यह रेंज किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं है, क्योंकि गोला बारूद से ग्रामीणों की जहां रातों की नींद हराम हो जाएगी. वहीं, उनके जानमाल को भी नुकसान हो सकता है साथ ही उनके पशु भी जंगल में चरते हैं. इस समस्या पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि उक्त मामला सरकार के समक्ष उठाया जाएगा और जल्द ही इसका समाधान निकाल लिया जाएगा.
मीडिया से बात करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि नहान विधानसभा क्षेत्र के कुछ हिस्से भी फील्ड फायरिंग रेंज की जद में आने हैं, जिसकी सूचना मीडिया के माध्यम से मिली है. इसी को लेकर ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने के लिए आया था. लोग स्वभाविक रूप से चिंतित है की फील्ड फायरिंग रेंज इत्यादि बनेगी तो उससे लोगों का जीना कठिन हो जाएगा.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले का जब उपायुक्त व एसडीएम के साथ बैठकर रिकॉर्ड निकाला गया तो 1970 से संबंधित क्षेत्र फायरिंग रेंज के लिए नोटिफाई किया गया है. टाइम एंड अगेन इसकी एक्सटेंशन दी जाती रही है. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर हमारी मजबूत आपत्ति है और यह मामला सरकार के समक्ष उठाया जाएगा और जल्दी इसका समाधान निकालने के प्रयास होंगे. कुल मिलाकर प्रस्तावित फील्ड फायरिंग रेंज से ग्रामीणों की रातों की नींद उड़ी हुई है और वह किसी भी सूरत में यहां फील्ड फायरिंग रेंज बनाने के पक्ष में नहीं है. वहीं, जिला प्रशासन ने संबंधित ग्रामीणों से अपनी आपत्ति दर्ज करवाने को कहा है, ताकि वह सरकार के समक्ष रखी जा सके.
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