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Birthday Special: जहां हो रही हो नाटी खुद को थिरकने से नहीं रोक पाते वीरभद्र, ये है इनका 'प्यारा शब्द'

वीरभद्र सिंह आज 86वां जन्मदिन मना रहे हैं. दिग्गज नेता पिछले 5 दशकों से राजनीति में सक्रिय हैं और आज भी उनमें वो जोश देखने को मिलता है.

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Published : Jun 23, 2019, 10:55 AM IST

फाइल फोटो

शिमला: हिमाचल की राजनीति के राजा कहे जाने वाले वीरभद्र सिंह आज अपना 86वां जन्मदिन मना रहे हैं. करीब 5 दशकों से हिमाचल की राजनीति में सक्रिय वीरभद्र सिंह इस उम्र में भी जोश के साथ सक्रिय रहने के पीछे वे हिमाचल की जनता के स्नेह को श्रेय देते हैं.


वीरभद्र सिंह का नाटी प्रेम जगजाहिर हैं और जहां भी उन्हें मौका मिले वे जमकर नाटी डालते हैं. उम्र के इस पड़ाव में भी पूर्व सीएम नाटी डालते हुए अक्सर देखे जाते हैं. हिमाचल के इस लोक नृत्य को वीरभद्र सिंह बखूबी जानते हैं और इसमें इस्तेमाल किए जाने वाले स्टेप्स कभी नहीं भूलते.

पूर्व सीएम रामलाल ठाकुर, हिमाचल निर्माता वाईएस परमार और वीरभद्र सिंह (फाइल)


वीरभद्र सिंह ठेठ पहाड़ी मानुष है और प्रदेश की परंपरा को रिति रिवाजों से भली भांति परिचित हैं. हिमाचल के दिग्गज नेताओं में हिमाचल निर्माता यशवंत सिंह परमार और पूर्व सीएम रामलाल ठाकुर भी अपने नाटी प्रेम के लिए जाने जाते हैं.

नाटी डालते पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह (फाइल)


वीरभद्र अक्सर इस्तेमाल करते हैं 'मकर झंडू' शब्द
वीरभद्र सिंह अपने मकर झंडू शब्द के लिए कई बार विवादों में रहे हैं. ज्वालामुखी में एक जनसभा के दौरान उन्होंने शिक्षकों को मकर झंडू कह दिया. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपने एक बयान में कहा था कि उनके परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ेगा, बल्कि कोई मकर झंडू चुनाव में उतरेगा.


ऐसे ही कई बार वीरभद्र सिंह इस शब्द का इस्तेमाल करते आए हैं. हालांकि इसके पीछे वे तर्क देते रहे हैं कि ये एक सम्मान जनक शब्द हैं. उन्होंने मकर झंडू का अर्थ समझाते हुए बताया कि पहाड़ों में जब मकान बनाते हैं तो मकानों के आगे छज्जों में किनारियां लगाई जाती हैं और इन किनारियों में मगरमच्छ लगाया जाता है और उस पर जो झंडा लगाया जाता है उसे मकर झंडू कहा जाता है. उन्होंने कहा कि मकर झंडू एक सम्मान का शब्द है.


बेबाक बयानबाजी के लिए मशहूर
दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं. अपने विरोधियों के खिलाफ वे तीखी टि्प्पणियां करने में परहेज नहीं करते. इसी कड़ी में अपनी पार्टी के नेताओं पर भी वीरभद्र खूब तंज कसते रहे. उनके धुर विरोधी माने जाने वाले सुखविंद्र सिंह सुक्खू पर उन्होंने कई बार जुबानी हमला बोला. यहां तक कि पार्टी की हिमाचल प्रभारी रजनी पाटिल के सामने ही उन्होंने सुखविंद्र सिंह सुक्खू को डरपोक कह दिया.

पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह (फाइल फोटो)


यही नहीं, रजनी पाटिल ने जब मंच से अपनी बात कहते हुए वीरभद्र सिंह व विद्या स्टोक्स को बुजुर्ग नेता कहा तो वीरभद्र सिंह ने तुरंत रजनी पाटिल को टोक दिया. वीरभद्र सिंह ने न केवल रजनी पाटिल को टोका, बल्कि हाजिरजवाबी का परिचय देते हुए ये भी कहा कि न तो वे बुजुर्ग हैं और न ही मार्गदर्शक, वे राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय हैं. वीरभद्र सिंह ने जिस अंदाज से जोश से हाथ पटकते हुए ये कहा कि आई एम स्टिल एक्टिव इन पॉलिटिक्स, उससे ये साबित हो गया है कि वीरभद्र सिंह आसानी से अपनी अनदेखी बर्दाश्त नहीं करते.


कांग्रेस में वीरभद्र सिंह का वर्चस्व आज भी है. वीरभद्र सिंह ने हिमाचल की राजनीति को गहराई से समझते हैं. वे कुशल प्रशासक माने जाते हैं. विरोधी भी उनकी प्रशासनिक कुशलता के कायल हैं. अफसरशाही भी वीरभद्र सिंह के तेवर पहचानती है.


कांग्रेस लंबे समय तक हिमाचल की सत्ता में रही है और उसमें से भी अधिकांश समय वीरभद्र सिंह सीएम रहे हैं, ऐसे में प्रदेश के विकास का काफी श्रेय उन्हें जाता है. वीरभद्र सिंह अपने बेबाक बयानों के कारण भी चर्चा में रहे हैं.


वीरभद्र सिंह की अपनी एक शख्सियत है. हिमाचल प्रदेश में वाई एस परमार के बाद वही एक ऐसे नेता हैं जिन्हें जनता का पूरा प्यार व समर्थन मिलता रहा है, हालांकि वह 86 साल के हो गए हैं, लेकिन आज भी उनमें वही ऊर्जा बरकार है जो शायद इस उम्र के शख्स में न हो. भले ही उनके खिलाफ चल रहे कथित भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उनके विरोधी उन्हें घेरने का प्रयास करते रहे हों, लेकिन वो आसानी से अपने हथियार नहीं डालते हैं.

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