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केंद्र सरकार के खिलाफ ट्रेड यूनियनों की हड़ताल, हिमाचल में दिखेगा असर - निजी बस ऑपरेटर्स की हड़ताल

केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनें आज देशव्यापी हड़ताल करेंगे. यह हड़ताल केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों को लेकर बुलाई गई है. इस हड़ताल का असर हिमाचल में भी देखने को मिलेगा. राजधानी शिमला समेत प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में हड़ताल के दौरान प्रदर्शन किए जाएंगे.

trade unions strike against central government
trade unions strike against central government

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Published : Jan 8, 2020, 8:25 AM IST

शिमला: विभिन्न ट्रेड यूनियनें, कर्मचारी संगठन और निजी ऑपरेटर्स आज बुधवार को केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोलेंगे. केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ ये दल आज देशव्यापी हड़ताल करेंगे. यह हड़ताल केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों को लेकर बुलाई गई है.

इस हड़ताल का असर हिमाचल में भी देखने को मिलेगा. राजधानी शिमला समेत प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में हड़ताल के दौरान प्रदर्शन किए जाएंगे. इस हड़ताल को कई सरकारी कर्मचारियों की यूनियनें भी समर्थन दे रही हैं. इस वजह से आज कई बैंक जैसे कामकाज प्रभावित होंगे.

बताया जा रहा है कि सीटू, इंटक, एटक सहित देश की दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और बीएसएनएल, एलआईसी, बैंक, पोस्टल, एजी ऑफिस, केंद्रीय कर्मचारियों की यूनियनें, रोड ट्रांसपोर्ट, आंगनवाड़ी, मिड-डे मील, एचपीएसईबी, बिजली मजदूर, मनरेगा, निर्माण व सार्वजनिक क्षेत्र के मजदूरों की यूनियनें हड़ताल में शामिल होंगी.

प्रदेशभर से हजारों कर्मचारी और आम लोग इस हड़ताल में शामिल होंगे. इस हड़ताल में पूरे देश से करीब 25 करोड़ लोगों के शामिल होने का अनुमान है. वहीं, अगर बैंक कर्मी इस हड़ताल में शामिल होते हैं तो आम लोगों को इससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

इसके अलावा प्रदेश में निजी बस ऑपरेटर्स भी इस हड़ताल में शामिल होंगे. निजी बसों और टैक्सियों समेत तमाम निजी व्यावसायिक वाहन हड़ताल पर जाएंगे. ये लोग मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधनों का विरोध करेंगे. निजी ऑपरेटर्स की हड़ताल को देखते हुए एचआरटीसी प्रदेश में अतिरिक्त बसें चलाएगा.

मिड-डे-मील वर्कर्स भी इस हड़ताल में शामिल होंगे. इस वजह से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मिलने वाला मध्याह्न भोजन नहीं बन पाएगा. वहीं, हजारों की संख्या में लोगों के सड़क पर उतरने की सूरत में कानून व्यवस्था को संभालना भी मुश्किल हो जाएगा.

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