शिमला: ब्लैक फंगस काफी घातक साबित हो रहा है. यह ब्रेन पर अटैक कर जहां जान ले रहा है तो वहीं ये बीमारी शरीर के कई अंगों को भी खराब कर रही है. सूबे के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में ब्लैक फंगस से कई मरीजों की मौत हो गई है. आईजीएमसी अस्पताल में दाखिल ब्लैक फंगस के मरीजों की जान बचाने के लिए चिकित्सकों को दो से तीन सर्जरी करनी पड़ रही है.
ब्लैक फंगस का आंखों पर दिख रहा ज्यादा असर
आईजीएमसी में अब तक जितने भी ब्लैक फंगस के मरीज आए हैं, चिकित्सकों ने उनकी दो से तीन सर्जरी की है. ब्लैक फंगस ऐसी बीमारी है, जो मरीज के गले से ऊपर के हिस्सों में ज्यादा अटैक कर रहा है. ब्लैक फंगस के चलते मरीजों की आंखों में सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है. ऐसे में चिकित्सक पहले गाल पर पड़े ब्लैक फंगस की सर्जरी करते हैं. उसके बाद आंख के पास भी सर्जरी करनी पड़ रही है.
आईजीएमसी में ब्लैक फंगस के 12 मामले
कई मरीजों के नाक और गाल का कुछ हिस्सा भी ऑपरेशन में काफी हद तक खराब हुआ है. चिकित्सकों का कहना है कि ऐसा नहीं करने से मरीजों की हालत और गंभीर हो सकती थी. आईजीएमसी में मौजूदा समय में ब्लैक फंगस से पीड़ित 12 मरीज भर्ती हैं. इसमें 11 कोरोना पॉजिटिव है और एक मरीज की रिपोर्ट का इंतजार है.