शिमलाःहिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के 52 वें स्थापना दिवस के मौके पर छात्र संगठनों विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को ज्ञापन सौंपने के लिए एकत्रित हुए, लेकिन इस दौरान छात्र संगठनों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हो गई.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के विद्यार्थी राज्यपाल को ज्ञापन देने पहुंचे. इस दौरान ज्यादा भीड़ की वजह से अव्यवस्था हो गई. इसके बाद पुलिस ने विद्यार्थियों को बाहर जाने के लिए धक्के दिए. इस पर छात्र संगठनों ने पुलिस का विरोध किया. करीब ढाई से तीन मिनट तक छात्र संगठन और पुलिस के बीच हल्की धक्का-मुक्की होती रही.
धक्का-मुक्की के माहौल के बीच ही एबीवीपी और एनएसयूआई ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. राज्यपाल के साथ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर भी मौजूद रहे. इस दौरान पुलिस के लिए व्यवस्था बनाए रखना मुश्किल हो गया.
पुलिस की ओर से धक्का-मुक्की पर छात्र संगठन एनएसयूआई के महासचिव वीनू मेहता ने कहा कि इस तरह की घटनाएं यह स्पष्ट करती हैं कि सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन तानाशाही रवैया अपनाए हुए है. उन्होंने प्रदेश पुलिस की ओर से की गई धक्का-मुक्की को सरासर गलत बताया. वीनू मेहता ने कहा कि इस तरह की धक्का-मुक्की से सरकार और प्रशासन उनकी आवाज को दबा नहीं सकते.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष विशाल सकलानी ने कहा कि कार्यकर्ता राज्यपाल को अपना मांगपत्र सौंपने के लिए पहुंचे थे, लेकिन एनएसयूआई की ओर से स्थिति को खराब किया गया. इस दौरान उन्होंने पुलिस की ओर से धक्का-मुक्की का भी विरोध किया. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता छात्र हित की मांगों को लेकर राज्यपाल से मिलना चाहते थे, लेकिन पुलिस की ओर से धक्का-मुक्की करना सरासर गलत है.
वहीं, इस मामले पर पुलिस का कहना है कि जगह कम थी. ऐसे में व्यवस्था बनाये रखने के लिए विद्यार्थियों को बाहर जाने के लिए कहा गया. पुलिस की ओर से विद्यार्थियों पर किसी तरह का कोई बल प्रयोग नहीं किया गया है.
ये भी पढ़ें-पंजाब के पर्यटक हिमाचल में सरेआम लहरा रहे हैं खालिस्तानी झंडे, वाहनों पर लगे हैं भिंडरावाला के चित्र