शिमला: एक ओर प्रदेश सरकार लोगों को सस्ता राशन देने के लिए अपनी पिठ थपथपाते नहीं थकती. वहीं, दूसरी ओर इस राशन को लेने के लिए सरकारी अनुदान में आम आदमी चक्कर लगाता थक जाता है. इसके बाद कई दिन गंवाने पर भी पूरा राशन नहीं मिल पाता है. ऐसे में सरकारी और निजी डिपुओं में मिलने वाला राशन लोगों को महंगा पड़ रहा है.
प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के जन्मदिन पर राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी सर्विस शुरू की थी. इस राशन कार्ड से लोग कंही भी ले सकते हैं, लेकिन सरकार कि यह योजना कहीं सिरे चढ़ती नहीं दिख रही है. ठियोग में इस सर्विस के तहत लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है.
ईटीवी भारत ने इस सर्विस का जायजा लेने के लिए कई डिपुओं का दौरा किया. ईटीवी भारत संवाददाता ने कई डिपुओं में राशन लेना की कोशिश की, लेकिन डिपो मालिकों का कहना है कि इस सर्विस का लाभ देना बहुत मुश्किल है.
उन्होंने दूसरी जगह से आए उपभोक्ताओं का नंबर मशीन पर डाला और मशीन हैंग हो गई. ऐसे में लोगों को राशन कैसे मिल पाएगा. वहीं, कभी नेट और कभी बॉयोमेट्रिक मशीन नहीं चलती. इस दौरान मशीन में एक आदमी का नाम ऐड करते कई मिनट लग जाते हैं. ऐसे में कई लोग बॉयोमेट्रिक का इंतजार करते-करते निराश होकर वापिस चले जाते हैं. वहीं, कभी डिपो में दाल, कभी चीनी, चावल नही होती. इस महीने शिवरात्रि का त्यौहार होने के कारण लोगों को तेल नहीं मिल पा रहा है. इस दौरान लोगों को सबसे ज्यादा तेल की जरूरत है.