शिमला:आईजीएमसी में ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों को दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ रहा है. यहां पर हालत कुछ ऐसी बन चुकी है कि कुछ मरीजों को ऑपरेशन करवाने के लिए लंबी तारीख तो कुछ को कोरोना की रिपोर्ट न मिलने पर ऑपरेशन लटक जाते हैं. मरीज काफी मुश्किल से तो ऑपरेशन की तारीख का इंतजार करते हैं, ऐसे में उनको समय से कोरोना रिपोर्ट ही नहीं मिल पाती है.
मरीजों को ऑपरेशन करवाने में हो रही परेशानी
हैरानी की बात है कि ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों के लिए कोरोना का टेस्ट अनिवार्य किया गया है, लेकिन ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों के लिए प्रशासन अलग से टेस्ट और सैंपलों की जल्द जांच को लेकर कुछ व्यवस्था नहीं कर पाया है. इससे मरीजों को यहां पर काफी परेशानी आ रही है.
मरीजों को 20 से 30 दिन के बीच की ऑपरेशन के लिए तारीख दी जाती है. मरीज यहां पर पहले अपनी बीमारी से पीड़ित होता है. दूसरी ओर वह आईजीएमसी में परेशान हो जाता है. आईजीएमसी की लैब में काफी सैंपल पेंडिंग रहते हैं. ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों के सैंपल भी पेंडिंग सैंपलों में ही रहते हैं.
वहीं, दूसरी ओर अगर कोई साधारण खांसी और जुकाम के मरीज अस्पताल में आ रहे हैं, तो उन्हें भी सीधे कोरोना का टेस्ट करवाने के निर्देश जारी किए जा रहे हैं. कई ऐसे भी मरीज होते हैं जो अपना कोरोना टेस्ट करवाने को तैयार ही नहीं होते हैं. मरीज कहते हैं कि जब उन्हें साधारण जुकाम है तो उन्हें कोरोना के टेस्ट करवाने की क्या जरूरत है. यहां आधे मरीज तो कोरोना का टेस्ट सुनकर ही वापस घर की ओर रवाना हो रहे हैं.