शिमला: प्रदेश के स्कूल, कॉलेजिस और विश्वविद्यालयों में हॉस्टल और मिड डे मील का खाना बचने के बाद उसे फेंका नहीं जाएगा. बचे हुए खाने को अगर कोई भी शिक्षण संस्थान बर्बाद करता हैं तो कार्रवाई होगी.
खाना बर्बाद ना हो इसके लिए शिक्षण संस्थानों में बायो-डाइजेस्टर लगाने होंगे, जिसमें वेस्ट और बचे हुए खाने को ट्रीट किया जा सके. एनजीटी के आदेशों पर प्रदेश में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर गठित कमेटी ने शिक्षा विभाग को स्कूल, कॉलेजिस और विश्वविद्यालयों में बायो-डाइजेस्टर लगाने के आदेश जारी किए हैं.
आदेशों में सख्ती से ये कहा गया है कि शिक्षण संस्थानों में बायो-डाइजेस्टर लगाना अनिवार्य किया जाए, जिससे कि बचे हुए खाने और अन्य किचन वेस्ट को ट्रीट किया जा सके. पूर्व मुख्य सचिव राजपूत संधू की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश के शिक्षा अधिकारियों ने भाग लिया था. इस बैठक में शिक्षा विभाग को ये निर्देश जारी किए गए थे कि स्कूलों सहित कॉलेजिस और विश्वविद्यालयों में जहां हॉस्टल की सुविधा है. वहां बायो-डाइजेस्टर लगाना अनिवार्य है ताकि किचन से निकलने वाले वेस्ट को ट्रीट किया जा सके.