शिमला: राजधानी शिमला स्थित मशोबरा में वन स्टॉप सेंटर (One Stop Center) में सेवारत आउटसोर्स महिला कर्मचारी (Outsource Women Worker) ने गंभीर आरोप लगाए है. सेंटर में महिला स्टाफ से लगातार 24 घंटे की ड्यूटी करवाकर श्रम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. वन स्टॉप सेंटर मशोबरा के केंद्रीय प्रबंधक की तरफ से बाकायदा आउटसोर्स महिला कर्मियों की 24 घंटे डे-नाइट ड्यूटी (Day Night Duty) का रोस्टर जारी किया गया है.
जानकारी के अनुसार 24 घंटे ड्यूटी देने के सख्त निर्देश भी दिए गए हैं. पिछले पांच महीनों से इस सेंटर में आउटसोर्स पर सेवारत महिला कर्मी 24 घंटे ड्यूटी देने को मजबूर हैं. कोरोना कर्फ्यू के दौरान भी आउटसोर्स महिला स्टाफ से 24 घंटे की ड्यूटी ली गई है. इस सेंटर को चलाने का सारा जिम्मा शिमला के जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) का है.
हैरान कर देनी वाली बात यह है कि डीपीओ दफ्तर शिमला (DPO Office Shimla) का सांख्यिकी सहायक मशोबरा सेंटर के आउटसोर्स स्टाफ को लगातार चार दिन डे-नाइट ड्यूटी लगाने के सख्त ऑर्डर जारी कर रखा है. इस सेंटर पर आउटसोर्स पर तैनात एक महिला कर्मी ने लगातार चार दिन डे-नाइट ड्यूटी देने पर जब एतराज जताया, तो स्टैटिक असिस्टेंट की तरफ से कहा गया कि अगर नौकरी करनी है, तो ड्यूटी करनी ही पड़ेगी.
परेशानी महिला कर्मी ने आपबीती सुनाते हुए रो पड़ी. महिला कर्मी का कहना है की उसके पिता बीमार हैं. अगर वो चार दिन लगातार मशोबरा वन स्टॉप सेंटर में ड्यूटी पर रहेंगी, तो उसके बीमार पिता की देखभाल कौन करेगा. इस मामले का एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है.