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जयराम सरकार के तीन साल, नई योजनाओं से बदलाव का प्रयास

जयराम सरकार के 27 दिसंबर को तीन साल पूरे होने वाले हैं. तीन सालों में सरकार ने जनमंच समेत मुख्यमंत्री संकल्प सेवा हैल्पलाइन और हिमकेयर जैसी कई योजनाएं शुरू की हैं. जयराम सरकार के तीन साल पूरा होने पर पढ़िए खास खबर

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Published : Dec 26, 2020, 11:08 PM IST

जयराम सरकार के तीन साल
जयराम सरकार

शिमला: हिमाचल में सीएम जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली सरकार 27 दिसंबर को अपने कार्यकाल के तीन साल पूरा करने जा रही है. प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई भाजपा सरकार में जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री पद का दायित्व मिला.

पहली ही कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने बुजुर्ग लोगों के लिए पेंशन की आयु सीमा को अस्सी साल से घटाकर सत्तर साल किया. इस तरह पहला ही फैसला जनहित का था. इससे पांच लाख से अधिक लोगों को लाभ मिला. सरकार ने तीन साल में जिन अहम योजनाओं पर काम शुरू किया और जनहित के जो काम किए, आइए उन पर एक नजर डालते हैं.

गुड़िया दुष्कर्म मामले ने हिलाई थी कांग्रेस की कुर्सी

प्रदेश में भाजपा की सरकार के सत्तासीन होने से पहले की परिस्थितियों पर गौर करना जरूरी है. हिमाचल में एक छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी. ये जुलाई 2017 की बात है. उस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी. यही नहीं, इससे पहले जून 2017 में फॉरेस्ट गार्ड होशियार सिंह की रहस्यमयी मौत हुई थी. होशियार सिंह केस की जांच अभी भी सीबीआई के पास है. गुड़िया केस में सीबीआई ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है और मामला अदालत में है.

जयराम सरकार ने लॉन्च किया शक्ति बटन एप

दिसंबर 2017 में जयराम सरकार सत्ता में आई तो गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले की गंभीरता को देखते हुए शक्ति बटन एप व गुड़िया हैल्पलाइन शुरू की. इस पर हजारों शिकायतें आ चुकी हैं और उनका समाधान समय पर किया जा रहा है. होशियार सिंह के नाम पर भी हैल्पलाइन आरंभ की गई. साथ ही सरकार ने एमरजेंसी में 112 नंबर के साथ हैल्पलाइन शुरू हुई. आंगनवाड़ी सेंटर्स के लिए एप बनाया गया.

प्रदेश में खोले गए महिला थाने

कॉमन सर्विस सेंटर की सुविधा दी गई. इसके तहत 127 सेवाएं शामिल हैं. पीओएस मशीनों को राशन के डिपुओं में स्थापित किया गया. पहले से चल रहे महिला थाना सुविधा के तहत सोलन, चंबा व हमीरपुर में भी थाने खोले गए. सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में कई काम किए गए. पेंशन की राशि बढ़ाई गई और 75 हजार से अधिक नए लाभार्थियों को उसके दायरे में लाया गया. महिला कर्मचारियों के लिए मातृत्व अवकाश की अवधि 135 दिन से बढ़ाकर 180 दिन की गई. बेटी है अनमोल योजना के तहत दी जाने वाली राशि भी दस हजार रुपए से बढ़ाकर 12 हजार की गई.

सरकार ने शुरू किया जनमंच

प्रदेश में 5.69 लाख सामाजिक पेंशन पाने वाले हैं. इस पर 424 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए गए. विधवा महिलाओं व दिव्यांगजनों की पेंशन को बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमाह किया गया, जिससे लगभग 1.20 लाख लोगों को लाभ मिला. तीन साल के दौरान 1,63,607 नए सामाजिक सुरक्षा पेंशन के मामले मंजूर किए गए. सरकार ने सबसे पहले 3 जून, 2018 को प्रथम जनमंच आयोजित किया. तीन साल के अंतराल में सभी विधानसभा क्षेत्रों में 189 जनमंच हुए. उनमें 48446 शिकायतें व मांगपत्र मिले. इन शिकायतों में वे 91 प्रतिशत से भी ज्यादा का निपटारा किया जा चुका है.

मुख्यमंत्री संकल्प सेवा हैल्पलाइन का आरंभ

मुख्यमंत्री संकल्प सेवा हैल्पलाइन का आरंभ 16 सितम्बर 2019 को किया गया. इसके लिए शिमला में कॉल सेंटर बनाया गया. अब तक इस हेल्पलाइन पर 151083 जन शिकायतें मिलीं. इनमें से 120078 समाधान किया जा चुका है. गृहिणी सुविधा योजना में अब तक 2.78 लाख महिलाओं को नि:शुल्क गैस कनेक्शन दिए गए. पिछले साल दिसंबर में हिमाचल प्रदेश को चूल्हा धुंआ मुक्त राज्य घोषित किया गया. हिमकेयर योजना में जनवरी 2019 से अब तक 5.50 लाख परिवारों को रजिस्टर्ड किया गया. अब तक 1,17,578 लोगों को 115.47 करोड़ रुपए का निशुल्क इलाज दिया जा चुका है.

हिमकेयर योजना शुरू

योजना में एक परिवार के पांच सदस्यों तक प्रतिवर्ष पांच लाख रुपये नि:शुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध है. हिमकेयर में 195 अस्पताल पंजीकृत हैं जिनमें 58 अस्पताल निजी क्षेत्र के हैं. आयुष्मान योजना के तहत अब तक हिमाचल में 3.30 लाख परिवारों ने गोल्डन कार्ड बनाए हैं. इस योजना के तहत अब तक 76805 लाभार्थियों को 79.9 करोड़ रुपये की नि:शुल्क इलाज की सुविधा प्रदान की गई है.

हिमाचल सरकार ने सहारा योजना के तहत गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को हर महीने 2000 रुपये देने का ऐलान किया था. इस योजना की राशि को बढ़ाकर 3000 रुपए महीना किया गया है. अब तक 11 हजार से भी अधिक मरीजों को इस योजना से लाभ मिल चुका है. पात्र लोगों को 12.9 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है.

मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना की शुरुआत

इसके अलावा मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना में 60 लाख रुपये की परियोजना लागत पर 25 प्रतिशत का निवेश उपदान दिया जा रहा है. महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत का उपदान दिया जा रहा है. साथ ही 40 लाख रुपये तक के लोन पर तीन वर्ष के लिए 5 प्रतिशत उपदान की सुविधा है. स्वावलंबन योजना के तहत 1095 इकाइयां स्थापित की गई, जिससे 3653 लोगों को रोजगार मिला. पर्यटन क्षेत्र में नई राहें-नई मंजिलें योजना में डेढ़ सौ करोड़ रुपए मंजूर किए गए.

सीएम आवास योजना से बने 3350 मकान

मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 3350 मकान बनाए गए. अलग-अलग आवास योजनाओं में और दस हजार मकान बनाए जाएंगे. सरकार दस विधानसभा क्षेत्रों में अटल आदर्श विद्या केंद्र बना रही है. पांच अलग से केंद्र गल्र्स के लिए बनाए जाएंगे. मेधा प्रोत्साहन योजना में 182 स्टूडेंट्स को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. योजना पर 84 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं.स्वर्ण जयन्ती सुपर 100 योजना में दसवीं कक्षा के 100 मेधावी विद्यार्थियों को व्यावसायिक कोर्स में प्रवेश पाने के योग्य बनाने के लिए यह नई योजना शुरू क जा रही है. दसवीं कक्षा में सर्वाधिक अंक लेने वाले सौ छात्रों को प्रशिक्षण के लिए एक लाख रुपये प्रति विद्यार्थी वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.

चिकित्सा सहायता कोष से मिली मदद

जयराम सरकार ने सीएम रिलीफ फंड के अलावा एक अन्य योजना शुरू की. मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के तहत अब तक 579 लोगों के इलाज के लिए 7.70 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की जा चुकी है. सीएम स्टार्टअप योजना में 100 लाभार्थियों को लगभग 1.70 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई. इस योजना में10 करोड़ रुपये का वैंचर फंड स्थापित किया गया है.

सीएम दस्तकार सहायता योजना

इसी तरह सीएम दस्तकार सहायता योजना में 30 हजार रुपये तक की कीमत के औजार 75 प्रतिशत अनुदान पर प्रदान किए जा रहे हैं. सीएम ग्राम कौशल योजना को प्रथम चरण में मण्डी, ऊना, सोलन व हमीरपुर जिलों के 18 विकास खंडों में लागू किया गया है. योजना के तहत प्रशिक्षण प्रदान करने वाले को 7500 रुपये प्रतिमाह तथा प्रशिक्षु को 3000 रुपये प्रतिमाह प्रोत्साहन भत्ता दिया दिया जा रहा है.

अब तक 428 प्रशिक्षकों व प्रशिक्षुओं को ट्रेंड किया गया है. हिमाचल सरकार ने इसी तरह सीएम रोशनी योजना शुरू की है. इसमें निशुल्क विद्युत कनेक्शन दिए गए हैं. इसमें लगभग 17,550 कनैक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक 5862 लाभार्थी इस योजना का लाभ उठा चुके हैं. जल जीवन मिशन योजना में जुलाई, 2022 तक हर घर को नल का लक्ष्य रखा गया है. मिशन में पहले चरण में 2896.54 करोड़ रुपये की लागत की 327 योजनाओं को मंजूरी दी गई.

हर घर नल हर घर जल योजना

करीब 2.12 लाख घरों को नल से जल उपलब्ध करवाया जा चुका है. हिमाचल में अब तक 56.54 प्रतिशत घरों में घरेलू नल कनैक्शन उपलब्ध करवा दिए गए हैं. प्रदेश में गांवों के अलावा कुल 55280 बस्तियां भी हैं जिनमें से 31399 बस्तियों को भी पेयजल की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है. गत तीन साल में 1083 बस्तियों को यह सुविधा प्रदान की गई. हिमाचल पुष्प क्रांति योजना में पुष्प उत्पादकों को 23.60 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है, जिससे 1134 किसान व बागवान लाभान्वित हुए हैं.

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