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Himachal News: जिला परिषद कैडर कर्मचारियों की हड़ताल से अब पंचायतों में नहीं रुकेंगे काम, विभाग ने 18 अक्टूबर तक मांगा कर्मियों का ब्यौरा

हिमाचल प्रदेश में जिला परिषद कैडर कर्मचारियों की हड़ताल चल रही है, जिसे करीब 2 सप्ताह का ज्यादा समय हो गया है. कर्मचारियों की हड़ताल से पंचायतों स्तर पर सभी काम बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं. जिन कामों को सुचारू ढंग से करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा वैकल्पिक प्रबंध किए गए हैं. (Zilla Parishad Cadre Employees Protest in Himachal)

Himachal Panchayati Raj Department
पंचायती राज विभाग ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों का मांगा ब्यौरा

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 17, 2023, 7:18 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते दो हफ्तों से ज्यादा समय से जिला परिषद कैडर कर्मचारी हड़ताल पर हैं. इससे पंचायतों में कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. इनकी हड़ताल से पंचायतों में काम प्रभावित न हो, इसके लिए सरकार ने वैकल्पिक इंतजाम कर लिए हैं, इसके साथ ही पंचायती राज विभाग ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों का ब्यौरा 18 अक्टूबर तक संबंधित जिलों से मांगा है. जिसके बाद सरकार इस मामले में कार्रवाई करेगी.

पंचायती राज विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश भर में पंचायतों में विभिन्न विकास कार्य सुचारू रूप से चल सके, इसके लिए प्रदेश सरकार और विभाग ने वैकल्पिक प्रबंध कर लिए हैं. कुछ कर्मचारी वर्ग के अमान्य रूप से अनुपस्थित रहने के कारण पैदा हुई इस विकट स्थिति से निपटने के लिए विभाग सभी आवश्यक कदम उठा रहा है. उन्होंने कहा कि पंचायत लेवल पर मनरेगा और अन्य विकास कार्य, लोगों के प्रमाण-पत्र इत्यादि से संबंधित कार्य किए जाते हैं. मौजूदा समय में लोगों की सुविधा को देखते हुए पंचायत सचिवों का कार्यभार ग्राम रोजगार सेवकों, सिलाई अध्यापिकाओं और पंचायत चौकीदारों को अस्थाई तौर पर सौंपा गया है. कार्य सुचारू रूप से चलाने के लिए उन्हें वित्तीय शक्तियां भी प्रदान की गई हैं.

इस वैकल्पिक व्यवस्था से प्रमाण-पत्रों सहित पंचायत के अन्य सामान्य कामकाज बहाल करने में सहायता मिली है. उन्होंने कहा कि तकनीकी कर्मचारियों के अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के कारण मनरेगा के तहत श्रमिकों की दिहाड़ी सहित किए गए कार्यों के मूल्यांकन में कठिनाइयां आ रही हैं. प्रदेश में हाल ही में बरसात के कारण हुई भारी तबाही और आपदा के कारण ग्रामीण स्तर पर निजी एवं सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सुखविंदर सरकार ने स्पेशल राहत पैकेज जारी किया है. इसके तहत प्रभावित परिवारों के घरों एवं गौशालाओं का पुनर्निर्माण, कृषि व बागवानी भूमि के संरक्षण सहित अन्य राहत व पुनर्वास कार्य किए जाने हैं, लेकिन तकनीकी कर्मियों की अनुपस्थिति से यह कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

प्रवक्ता ने बताया कि जिसके चलते पंचायती राज विभाग ने अब जिला परिषद के सभी मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से विकासात्मक एवं आपदा राहत कार्यों में हो रहे विलंब के दृष्टिगत अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित कर्मचारियों सहित सेवाओं से संबंधित अन्य बिंदुओं पर ब्यौरा मांगा है. यह ब्यौरा 18 अक्टूबर तक मांगा गया है. उन्होंने कहा कि आपदा राहत एवं पुनर्वास कार्यों में अनावश्यक देरी न हो और प्रभावित परिवारों को सभी तरह की सहायता व अन्य लाभ समय पर सुनिश्चित करने के लिए पंचायती राज विभाग कृतसंकल्प है. जिसके लिए जरूरत के अनुसार सारे वैकल्पिक इंतजाम किए जा रहे हैं.

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