शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के सभी नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पंचायतों में सियासी दलों की तरफ से लगाए गए विज्ञापनों व होर्डिंग्स की सूची तलब की है. हाईकोर्ट में इस संदर्भ में पहले ही सुनवाई चल रही है. पहले से चल रहे मामले के अनुसार शिमला नगर निगम की परिधि में राजनीतिक दलों के विज्ञापन नियमों के खिलाफ लगे हुए हैं. हाईकोर्ट ने नियमों के खिलाफ लगाए गए विज्ञापनों को तुरंत प्रभाव से हटाने के आदेश जारी किए हुए हैं.
अब हाईकोर्ट ने इन विज्ञापनों से जुड़ी सुनवाई के मामले में दायरा नगर निगम शिमला की परिधि से बढ़ाकर प्रदेश भर के निगमों व नगर निकायों तक कर दिया है. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने अब इस मामले की सुनवाई 19 सितंबर को निर्धारित की है. अदालत ने नगर निगम शिमला की परिधि में राजनीतिक दलों के विज्ञापन लगाने की शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर जारी करने के आदेश दिए थे. साथ ही व्हाट्सएप और एसएमएस की सुविधा प्रदान करने के आदेश दिए गए थे.
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने नगर निगम शिमला क्षेत्र में विभिन्न राजनीतिक दलों के विज्ञापन व होर्डिंग्स को तुरंत हटाने के आदेश जारी किए थे. अदालत ने अपने आदेशों में कहा था कि कोई भी राजनीतिक दल या विज्ञापनकर्ता नियमों की अवहेलना कर विज्ञापन और होर्डिंग्स नहीं लगा सकता है. इस मामले के याचिकाकर्ता ने आरोप लगाए हैं कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के पूर्व में शिमला दौरे के समय उनकी पार्टी ने नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ा कर विज्ञापन लगाए थे. रिज मैदान शिमला, आकाशवाणी परिसर के आसपास बड़े-बड़े विज्ञापन लगाए गए थे.
नगर निगम शिमला के नियम 9 के मुताबिक राष्ट्रपति भवन से लेकर छोटा शिमला व माल रोड क्षेत्र में किसी भी तरह के विज्ञापन लगाने की मनाही है. इसी तरह से रिज मैदान पर विज्ञापन लगाने पर पूर्ण प्रतिबंध है, लेकिन इस नियम की खुलेआम उल्लंघना की गई. उसके बाद विभिन्न तारीखों पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने नगर निगम प्रशासन और पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी. अब हाईकोर्ट ने नगर निगम शिमला से इस मामले की परिधि बढ़ाकर पूरे प्रदेश के नगर निकायों व नगर निगमों तक कर दी है. अब प्रशासन को अदालत को बताना होगा कि प्रदेश भर में कहां-कहां नियमों के खिलाफ विज्ञापन व होर्डिंग लगे हैं.
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