शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने एक अहम व्यवस्था दी है. हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण व्यवस्था के तहत कहा है कि भू-मालिक की जमीन यदि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत उपयोग में लाई गई है तो वो मुआवजा पाने का हकदार है. हाई कोर्ट की इस व्यवस्था के पीएमजीएसवाई की सड़कों के निर्माण में उपयोग में आने वाली जमीन के मालिकों को बड़ी राहत मिली है. अपनी व्यवस्था में हाई कोर्ट ने ये स्पष्ट किया है कि पीएमजीएसवाई के तहत भूमि अधिग्रहण का मुआवजा पाने वाले प्रार्थियों को ये साबित करना होगा कि उन्होंने अपनी जमीन स्वेच्छा से या दान से अथवा स्वतंत्र रूप से अपनी इच्छा से एजेंसी को उपयोग करने के लिए नहीं दी है.
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने राज्य सरकार की इस मामले से जुड़ी अपील को खारिज करते हुए उक्त व्यवस्था दी है. मामले के अनुसार शिमला जिले की तहसील चौपाल के अंतर्गत झिकनीपुल बामटा सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत किया गया था. इस सड़क के निर्माण में बरौला, बामटा और घुरिया गांव के किसानों की लगभग 130 बीघा भूमि का उपयोग किया गया था. केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित इस सड़क का निर्माण हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग ने किया था.