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Himachal High Court: हाईकोर्ट की नौकरशाही पर कड़ी टिप्पणी, अफसरों की लापरवाही के कारण PG कोर्स करने वाले डॉक्टर्स को हुआ नुकसान

पीजी कोर्स करने वाले चिकित्सकों को प्रोत्साहन अंक न देने के मामले में हिमाचल हाईकोर्ट ने नौकरशाही पर कड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा अफसरों की लापरवाही के कारण PG कोर्स करने वाले डॉक्टर्स को नुकसान हुआ है. पढ़िए पूरी खबर...(Himachal High Court) (Himachal High Court Comment on bureaucracy)

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 9, 2023, 9:59 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पीजी कोर्स करने वाले चिकित्सकों को प्रोत्साहन अंक न देने के मामले में अधिकारियों पर कड़ी टिप्पणी की है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने कहा अधिकारियों की वजह से उन चिकित्सकों को नुकसान झेलना पड़ा है, जो सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के मुताबिक पीजी कोर्स के लिए योग्य थे, लेकिन राज्य सरकार के जिम्मेदार अफसरों की तरफ से नीति न बनाने के कारण उन्हें वंचित रहना पड़ा. याचिकाकर्ता डॉक्टर अभिनव अवस्थी की याचिका का निपटारा करते हुए अदालत ने यह प्रतिकूल टिप्पणी की है.

अदालत को बताया गया था कि चिकित्सा अधिकारियों को राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में सेवा करने के लिए प्रोत्साहन दिया जाता हैं. उनमें से एक उन्हें राज्य में स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित करना है. 2016 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य पीजी नीति में 2017 में संशोधन किया गया था. इसके तहत सेवारत उम्मीदवारों के लिए प्रोत्साहन प्रणाली शुरू की गई और सेवाकालीन कोटा हटा दिया गया. इसे बाद में 2019 में आंशिक रूप से संशोधित किया गया, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात चिकित्सकों को कुछ लाभ मिला, जिसे 2017 की नीति में अस्वीकार कर दिया गया था.

तमिलनाडु मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन बनाम केंद्र सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2016 के फैसले के खिलाफ फैसला सुनाया था. राज्य सरकार ने इस फैसले के आधार पर 2017 की नीति बनाई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लागू करने के लिए विभिन्न राज्यों ने अपनी पीजी नीति को फिर से संशोधित किया. हालांकि, हिमाचल प्रदेश ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद उसी नीति को जारी रखा. इस नीति के तहत चिकित्सकों को प्रोत्साहन अंक देने के लिए हिमाचल प्रदेश को छह भागों में बांटा गया था.

याचिकाकर्ता ने इस नीति के खिलाफ 2021 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. अदालत ने राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार पीजी नीति में सुधार करने का आदेश दिया था. अदालत के आदेशों के बाद अब सरकार ने हिमाचल के दूर-दराज, कठिन और ग्रामीण क्षेत्रों का चयन किया है, जिसके आधार पर पीजी कोर्स में प्रवेश के लिए प्रोत्साहन अंक दिए जाएंगे.

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